IIT Baba News: इस वर्ष प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में कई चेहरे वायरल होने की वजह से सुर्खियों में आ गए हैं. 'सबसे सुंदर साध्वी' के नाम से हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) की चर्चा हुई, तो माला बेचने वाली मोनालिसा (Monalisa) की भी खूब चर्चा हुई. एक और ब़ड़ा नाम अभय सिंह का है जिन्हें महाकुंभ में आईआईटी बाबा का नाम दे दिया गया है और वो लगातार चर्चा में हैं. आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद करियर और कामयाबी की दुनिया छोड़ अध्यात्म की दुनिया में कदम रखने वाले अभय सिंह को लेकर काफी कौतूहल है और लोग उनकी बातों को सुनना चाहते हैं. आईआईटी वाले बाबा अभय सिंह सांसारिक बंधनों से स्वयं को दूर बताते हैं लेकिन वह लगातार इंटरव्यू और बयान भी दे रहे हैं. उन्होंने मीडिया के सामने अब सनातन धर्म के बारे में एक नई तरह की टिप्पणी की है.
"नोबेल प्राइज जीतने वाले वैज्ञानिक भी कुंभ आएं"
आईआईटी बाबा ने कुंभ में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि कुंभ के बारे में उनका अपना एक विज़न है कि कुंभ कैसा होना चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि बड़े से बड़ा साइंटिस्ट भी यहां पर आए और उपनिषदों तथा वेदांत के ऊपर किसी महात्मा से शास्त्रार्थ करें. लोग उसको देखें. इससे उन्हें पता चलेगा ना कि ज्ञान का आपस में आदान-प्रदान हो रहा है. लोगों को भी अपने सवालों के जवाब मिलेंगे. कुंभ को सही में ऐसा ही बनाना चाहिए कि अगर छह दर्शन हैं तो हर दर्शन के लोग आपस में एक दूसरे से तर्क कर सकें.
उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि कुंभ में देश-विदेश के वैज्ञानिकों को आकर महात्माओं से शास्त्रार्थ करना चाहिए. अभय सिंह ने कहा," वैज्ञानिक लोग भी आएं, बड़े-बड़े बाहर के नोबेल प्राइज जीतने वाले वैज्ञानिक भी यहां आएं. हमें भी उन्हें समझना चाहिए कि उनकी विचारधारा क्या है और उन्हें प्राइज़ क्यों मिला है. हम डर क्यों रहे हैं?
"यदि सनातन सबसे सत्य है, तो उसके पास भी उनके तर्कों का जवाब होगा. शास्त्रार्थ का यही मतलब होता है. सवाल-जवाब के ज़रिए हमें दूसरे को हराना है. अगर आपने हरा दिया तो आप उनकी टीम में चले जाएंगे, और अगर हार गए तो आप दूसरे की टीम में चले जाएंगे."
"मैं तो बताता भी नहीं था IIT की बात"
अभय सिंह ने कहा कि वह बिल्कुल नहीं चाहते कि लोग उनकी आईआईटी की पहचान को लेकर बातें करें लेकिन लोग बार-बार यही कर रहे हैं. उन्होंने कहा," जिस माया को मैं छोड़ कर आया हूँ, लोग बार-बार उसी आईआईटी को मेरे नाम में जोड़ कर रिपोर्ट कर रहे हैं और मुझे आईआईटी बाबा कह रहे हैं जो मैं एकदम नहीं चाहता हूं. मैं तो किसी को ये बात बताता भी नहीं था, लेकिन मेरी दीदी लोगों को दिखाने के लिए बता देती थी कि ये आईआईटी से है.
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