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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 20 हजार लोग बिछड़े लेकिन सभी फिर अपनों से मिल भी गए, बेहतर रही व्यवस्था

Mahakumbh 2025 Missing People: CM योगी ने पहले ही साफ कर दिया था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और सुशासन का भी प्रतीक बने. इसी के तहत डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की गई है.

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में 20 हजार लोग बिछड़े लेकिन सभी फिर अपनों से मिल भी गए, बेहतर रही व्यवस्था
प्रतीकात्मक तस्वीर

Mahakumbh lost and Found Center: महाकुंभ अपने भव्य स्वरूप और 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व उपस्थिति के साथ ही ऐतिहासिक आयोजन बन चुका है. इस दिव्य आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कई बेहतरीन पहल किया है. इस बार महाकुंभ में खोए हुए लोगों को जल्द से जल्द उनके परिवारों से मिलाने के लिए योगी सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जिससे अब तक 20 हजार से अधिक खोए हुए श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिलाया गया है.

महाकुंभ के इस विराट मेले में अपनों से बिछड़े हुए कुल 20,144 लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में योगी सरकार को सफलता मिली है, इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की रही. साथ ही पुलिस ने देश के अलग-अलग राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवार वालों से फिरसे मिलवाया गया है.

खोए हुए लोगों को परिजनों से मिलवाया 

अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दौरान (28, 29 और 30 जनवरी) को भीड़ को मैनेज करते हुए डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने खोए हुए सभी 8,725 लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया. इसी तरह मकर संक्रांति पर्व (13, 14 और 15 जनवरी) को खोए हुए 598 श्रद्धालु और बसंत पंचमी (2, 3 और 4 फरवरी) को 813 श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की मदद से उनके परिजनों से मिलवाया गया. साथ ही  अन्य स्नान पर्वों और सामान्य दिनों में खोए हुए 10 हजार से अधिक लोगों का भी उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन कराया गया.

10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर 2024 को डिजिटल प्रणाली के जरिए खोया-पाया केंद्रों का शुभारंभ किया था. साथ ही सीएम ने पुलिस प्रशासन और मेला प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो. इसी के तहत 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए, जो संगम, झूसी, अरैल, फाफामऊ में सेक्टर 3, 4, 5, 8, 9, 21, 23, 24 और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं.

किसी भी प्रकार की सहायता के लिए श्रद्धालु नजदीकी डिजिटल खोया-पाया केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या आधिकारिक हेल्पलाइन 1920 पर कॉल कर सकते हैं.

चेहरा पहचान करने में AI से मदद

डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में अत्याधुनिक AI बेस्ड फेस पहचानने वाला सिस्टम है. इससे मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को तेजी से उनके परिवारों से मिलाया जा सका. डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही. इसमें यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी सक्रिय योगदान दिया. इन केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. ताकि पुनर्मिलन प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो.

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