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Rajasthan: 'गरीबों के घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की अनूठी पहल', महाराणा प्रताप के वंशज को मिला 9वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

Mewar Royal Family: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बुधवार को सोलर लैम्प से "सूर्य' की सबसे बड़ी आकृति बनाई.

Rajasthan: 'गरीबों के घरों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की अनूठी पहल', महाराणा प्रताप के वंशज को मिला 9वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

Dr. Lakshyaraj Singh Mewar: महाराणा प्रताप के वशंज ने नया कीर्तिमान हासिल किया है. मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बुधवार को सौर लैम्पों से "सूर्य' की सबसे बड़ी आकृति बनाई. इसके साथ ही उन्होंने 'सूर्योदय अभियान' का शुभारंभ भी किया. उनकी इस उपलब्धि को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) में दर्ज किया गया है. डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का समाज सेवा के क्षेत्र में यह 9वां वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

इस मौके पर उन्होंने कहा, "सूर्योदय अभियान की शुरूआत का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को सोलर लैंप वितरित करना है. ताकि उनके घर सौर ऊर्जा से रोशन होने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की जीवंत पहल हो सके. इसके अलावा सौर ऊर्जा के माध्यम से परिवार आत्मनिर्भर बनेंगे और उन्हें बाहरी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा."

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पिछले 7 साल में हासिल किए 9 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ पिछले 7 साल में समाज सेवा-पर्यावरण संरक्षण-महिला स्वच्छता प्रबंधन, शिक्षा जैसे विषयों पर 9 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित कर चुके हैं. उन्हें पहला रिकॉर्ड मार्च 2019 में जरूरतमंदों को 3 लाख 29 हजार से अधिक वस्त्रदान करने पर मिला था. इन कपड़ों को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, ओमान, श्रीलंका, यूएई सहित अन्य देशों के 80 शहरों से एकत्रित कर जरूतमंदों तक पहुंचाया. 

पर्यावरण समेत लेकर कई क्षेत्रों में कर चुके हैं काम

अगस्त-2019 को 24 घंटे में 20 टन से ज्यादा स्टेशनरी वितरण के अलावा जनवरी-2020 को महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से 20 सैकंड में 4000 से अधिक पौधे लगाएं. जनवरी-2022 में एक घंटे में सबसे ज्यादा स्वेटर वितरण कर 5वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इसी महीने 'कोई भूखा ना सोए' पहल के चलते सम्मानित किया गया था. इसके बाद जनवरी-2023 में 21 हजार 58 विभिन्न तरह के पेड़-पौधों के बीज बोने और जनवरी-2024 में जनसमूह को तनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ाने के लिए यह उपलब्धि हासिल हुई. 

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