RPSC: राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 5 अप्रैल 2024 को अजमेर के सिविल लाइन थाना में सेकंड ग्रेड पीटीआई परीक्षा-2022 में फर्जीवाड़े को लेकर प्रकरण दर्ज कराया था. शिकायत में बताया गया कि चार अभ्यर्थियों ने स्वयं परीक्षा में बैठने के बजाय अपनी जगह डमी कैंडिडेट बैठाए. डमी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा दिलवाई गई, परिणाम पास कराया गया और चयन भी प्राप्त कर लिया गया. आरपीएससी द्वारा दस्तावेज सत्यापन के दौरान उपस्थिति पत्रक, फोटो मिलान और अन्य रिकॉर्ड की जांच में भारी गड़बड़ी सामने आई. इसके बाद सिविल लाइन थाना अजमेर में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. अब तक इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
5000 के इनामी आरोपी हुकमाराम को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस प्रकरण में 5000 के इनामी आरोपी हुकमाराम को गिरफ्तार किया है. आरोपी हुकमाराम ने बाड़मेर निवासी जेनाराम जाट की जगह अजमेर स्थित श्रमजीवी कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर सेकंड ग्रेड पीटीआई परीक्षा दी थी. आरोपी भूगोल विषय का व्याख्याता है और वर्ष 2021 में आरपीएससी से लेक्चरर भूगोल के पद पर चयनित होकर जालोर जिले के डूंगरी स्कूल में पदस्थापित था. जांच में सामने आया कि असल अभ्यर्थी और डमी कैंडिडेट एक ही गांव के निवासी हैं और आपसी परिचय के चलते 10 लाख रुपये में परीक्षा देने का सौदा तय हुआ था. राशि परीक्षा से पहले और बाद में देना तय हुआ था. फिलहाल आरोपी द्वारा ली गई वास्तविक राशि की जांच जारी है.
पदस्थापन से गैरहाजिर रहा आरोपी
जांच अधिकारी गणेशाराम ने बताया कि मुख्य आरोपी जेनाराम की गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपी हुकमाराम अपने पदस्थापन स्थल से लगातार गैरहाजिर चल रहा था. बिना किसी सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित रहने के साथ आरोपी पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए फरार हो गया था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जिला स्पेशल टीम का गठन किया गया और उस पर 5000 रुपये का इनाम घोषित किया गया. फरारी के दौरान आरोपी के डोडा पोस्त जैसे मादक पदार्थों का आदी होने की जानकारी भी सामने आई है. पुलिस से बचने के लिए आरोपी लगातार ठिकाने बदल रहा था. तकनीकी सूचना के आधार पर उसे डिटेन कर गिरफ्तार किया गया. मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही.
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