
Desuri Naal connecting Marwar Mewar: मारवाड़- मेवाड़ को जोड़ने वाली देसूरी नाल अब तक सैकड़ों जिंदगियां लील चुकी है. अरावली के बीच से होकर गुजरने वाली यह देसूरी नाल (Desuri Naal) एक बार फिर से चर्चा में है. हाल ही में 8 दिसम्बर को स्कूल से भरी बस पलटने से घटनास्थल पर 3 छात्राओं की मौत भी हो चुकी है. यह सड़क मार्ग इतना जानलेवा है कि इसे प्रदेश की खूनी सड़क के नाम से जाने जाना लगा है. इस सड़क मार्ग पर आए दिन देसूरी नाल में हादसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. देसूरी-चारभुजा तक 10 किलोमीटर के रास्ते में कई घुमावदार मोड़ है.
पंजाब मोड़, शनि महाराज मंदिर मोड़, कसाई पुलिया, नाग देवता मंदिर मोड़ समेत चार मोड़ ऐसे हैं, जहां आए दिन बड़ी दुर्घटना होती रहती है. ज्यादा ढलान होने से वाहन अनियंत्रित होकर हादसों का शिकार हो रहे हैं. एक तरफ खाई और दूसरी तरफ पहाड़ होने से कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

यही हुआ था एशिया का सबसे सड़क हादसा
एशिया का सबसे बड़ा सड़क हादसा भी इसी देसूरी की नाल में हुआ था. साल 2007 में रामदेवरा जा रहे श्रद्धालुओं से भरा व असंतुलन होकर खाई में गिर गया था. इस सड़क हादसे में 89 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि ऐसे हादसों के बाद इसकी रोकथाम को लेकर सरकार और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कमेटी का गठन भी किया गया. 2 साल पहले 16 अप्रैल 2022 को देसूरी नाल की संयुक्त जांच कर रिपोर्ट सरकार को भेजी गई.
रिपोर्ट में एलीवेटेड रोड़ बनाने, ढलान को कम करने और वाहनों की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए सुझाव थे. देसूरी नाल संघर्ष समिति की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी. जनहित याचिका दायर करने के बाद आरएसआरडीसी ने 18 फरवरी 2020 को 258.77 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेजा गया. उसके बाद से अब तक स्वीकृति नही मिल पाई है.
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