Mewar Royal family: मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ (Vishvaraj Singh Mewar) का पगड़ी दस्तूर कार्यक्रम होगा. वंश परंपरानुसार राजगद्दी पर बिराजने का कार्यक्रम 25 नवंबर को चित्तौड़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश में होगा. इस कार्यक्रम में देशभर से पूर्व राजपरिवार के सदस्य शिरकत करेंगे. चित्तौडगढ़ दुर्ग के फतह प्रकाश महल में 25 नवंबर की सुबह 10 बजे कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. यह कार्यक्रम कई मायनों में खास है.
खास इसलिए भी क्योंकि मध्यकालीन इतिहास में मेवाड़ की राजधानी रही चित्तौड़ में आखिरी बार यह परंपरा 1535 ई. में ही निभाई गई थी. तब यहां महाराणा विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था. अब 489 वर्षों बाद एक बार फिर से चित्तौड़गढ़ दुर्ग इस परंपरा का साक्षी बनेगा. वंश के 77वीं पीढ़ी के उत्तराधिकारी और नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह का भी तिलक होगा.
चित्तौड़ में रस्म निभाने के बाद उदयपुर में भी होगा कार्यक्रम
इस कार्यक्रम में देशभर के पूर्व राजघरानों के सदस्य, रिश्तेदार, गणमान्य नागरिकों के अलावा आमजन सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे. परम्परा अनुसार सलूम्बर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य देवव्रत सिंह तिलक की पंरपरा निभाएंगे. उसके बाद उमराव, बत्तीसा और अन्य सरदार नजराना करेंगे. कार्यक्रम के बाद रैली के रुप में उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी के दर्शन करेंगे.
शोक भंग होने के बाद सफेद की बजाय रंग वाली पाग करेंगे धारण
यहां से एकलिंगनाथ मन्दिर पहुंचेंगे. जहां पर भगवान एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से पण्डितों द्वारा शोक भंग करवा करके रंग बदला जाता है. इसके बाद पूर्व राजपरिवार के सदस्य सफेद की बजाए रंग वाली पाग पहन सकेंगे. इसके बाद शाम को उदयपुर स्थित समोर बाग पेलेस में रंग दस्तूर कार्यक्रम होगा, जिसमें महाराणा अपने परिवारजनों, सभी उमरावों और बत्तीसा को रंग सौंपते हैं. ताकि सभी ठिकानेदार रंग वाली मेवाड़ी पाग पहन सकें.
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