
Rajasthan News: झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ितों को जिला परिषद द्वारा मुआवजे के रूप में दी गई बकरियां अब राजस्थान सरकार के गले की फांस बनती नजर आ रही हैं. बकरियां पीपलोदी से रवाना होकर जयपुर के शहीद स्मारक पहुंच गई हैं और नरेश मीणा के आमरण अनशन में शामिल होकर अपनी कहानी बयां कर रही हैं. नरेश मीणा ने घोषणा की है कि वह इन्हीं बकरियों के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री के पास जाएंगे और मांग करेंगे कि इन बकरियों को वापस ले लो और पीड़ितों की दूसरे माध्यम से मदद करो.
पीड़ित परिवार को मिली 6-6 बकरियां
पीपलोदी हादसे के पीड़ित परिवारों को भी कहीं ना कहीं यह बकरियां मंजूर नहीं है. शायद इसीलिए वह नरेश मीणा के साथ जयपुर जा पहुंचे हैं. वहीं, झालावाड़ जिला प्रशासन ने बकरियां दिए जाने को एक अनोखी पहल करार दिया था और प्रशासन ने दावा किया था कि पीपलोदी के पीड़ितों को 6-6 बकरियां और एक-एक बकरा दिया जा रहा है, जिसे पाकर उनके चेहरे खिल उठे हैं. लेकिन अब हालात बिल्कुल उल्टे नजर आ रहे हैं और मामला बिगड़ता जा रहा है.
नरेश मीणा ने कर दिया बड़ा ऐलान
जयपुर के शहीद स्मारक पर बैठे नरेश मीणा केंद्र, राज्य और झालावाड़ के कुछ नेताओं का सीधे नाम लेकर उन्हें जबरन फंसाने का आरोप लगा रहे हैं और नरेश मीणा ने ऐलान किया कि वह तब तक नहीं हिलने वाले हैं, जब तक फैसला नहीं हो जाता. झालावाड़ में चर्चा हो रही है कि झालावाड़ की बकरियां जयपुर के शहीद स्मारक पर पहुंचकर मिमियाने के बदले दहाड़ रही हैं.
प्रशासन पर गाज बनकर गिर सकती हैं बकरियां
झालावाड़ जेल से रिहा होने के बाद नरेश मीणा ने पीपलोदी पीड़ितों की मदद को लेकर कहा था कि उनकी टीम बराबर पीड़ितों से संपर्क कर रही है. पीड़ितों में डर का माहौल है और वह खुलकर सामने आने से डर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि यह मामला अगर और ज्यादा तूल पकड़ता है तो सरकार के गले की फांस बनता है तो यह बकरियां झालावाड़ प्रशासन पर गाज बनकर गिर सकती हैं.
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