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This Article is From May 13, 2025

Rajasthan: समय की मांग है कि हम एक राष्ट्र के रूप में एकजुट हों - हरिभाऊ बागडे

नारद मुनि जब पत्रकार थे तो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं बल्कि मौखिक मीडिया था. और मौखिक पब्लिसिटी की अपनी महत्ता है.

Rajasthan: समय की मांग है कि हम एक राष्ट्र के रूप में एकजुट हों - हरिभाऊ बागडे
Governor Haribhau Bagade
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Jaipur News: जयपुर में वीएसके फाउंडेशन  के जरिए आयोजित नारद जयंती के अवसर  पर पत्रकार सम्मान समारोह  आयोजित किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ वागड़े रहे. जिसमें मुख्य वक्ता पांचजन्य पत्रिका के संपादक हितेश शंकर और अध्यक्ष जयपुर प्रान्त सह संघचालक हेमंत सेठिया रहे.कार्यक्रम में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल तीनों माध्यमों के चयनित पत्रकारों का सम्मानित किया गया. 

माऊथ पब्लिसिटी से बनता है काम

समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने वीएसके फाउंडेशन के इस कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने कहा कि नारद मुनि जब पत्रकार थे तो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं बल्कि मौखिक मीडिया था. और मौखिक पब्लिसिटी की अपनी महत्ता है. संघ ने भी अपने ऊपर बैन के समय इसी माऊथ पब्लिसिटी से काम किया. स्वतंत्रता के बाद कश्मीर पर पाकिस्तान के आक्रमण में लार्ड माउन्टबेटन के कारण ही पीओके बना.माउन्टबेटन को तीनों सेनाओं का प्रमुख बनाना हमारी उस समय की सबसे बड़ी भूल थी. उसके बाद से हर साल हमने आतंक का दंश झेला है.

हमें एक राष्ट्र के रूप एकजुट होना है

उन्होंने आगे कहा कि सौ साल पहले कोई भी व्यक्ति खुद को हिंदू कहने की हिम्मत नहीं कर सकता था. हम गुलाम इसलिए हुए क्योंकि एक राष्ट्र होने की भावना खत्म हो गई थी. दीनदयाल जी कहते थे कि जिस धागे पर तरह-तरह के फूल पिरोए जाते हैं, वही हिंदू धागा है. उन्होंने कहा कि हमें एक राष्ट्र के रूप में इतना एकजुट होना है कि अगर कश्मीर के किसी व्यक्ति को कांटा चुभता है तो केरल का कोई व्यक्ति आगे आकर कांटा निकाल दे.

गुरुकुल की प्राचीन शिक्षा प्रणाली वापस लाना है

बप्पा रावल जैसे शक्तिशाली पूर्वजों से आज हमारी पीढ़ी इतनी अक्षम हो गई है, जिसका कारण अंग्रेजों द्वारा हमारी नैतिक क्षमता, शिक्षा प्रणाली, धर्म और इतिहास को पहुंचाई गई क्षति है. अब नई शिक्षा नीति में हमें पुराने गुरुकुल की प्राचीन शिक्षा प्रणाली को वापस लाना होगा. बच्चों की शारीरिक और बौद्धिक क्षमताओं का विकास करना होगा.इन परिवर्तनों से ही ऐसी ताकतवर पीढ़ी बनेगी जो इस देश की नैतिक प्रगति में योगदान देगी.

धीरे धीरे हमारा भौगोलिक क्षेत्र कम होता गया है

राज्यपाल ने आगे कहा पंडित नेहरू ने डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया में लिखा कि अफगानिस्तान में सब हिन्दू थे. धीरे धीरे हमारा भौगोलिक क्षेत्र कम होता गया है, लेकिन हमें हमारी बौद्धिक सम्पदा बचाकर रखनी होगी.गुरुत्वाकर्षण  से लेकर विमान बनाने तक की सभी खोजे भारत की थी जिन पर विदेशियों ने अतिक्रमण किया. इन सबको हमें भावी पीढ़ी के समक्ष रखना होगा. इस समय देश में हो रही खोजों पर पत्रकारिता कम हो गई है.  वर्तमान में केंद्र सरकार शोधों को बढ़ावा दे रही है और आर्थिक प्रोत्साहन भी दे रही है. 

इससे पहले, मुख्य वक्ता पाञ्चजन्य के संपादक  हितेश शंकर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत की नैतिकता की विजय का उल्लेख किया, उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की कुशल रणनीति की सराहना की और भारत-पाकिस्तान मीडिया की पत्रकारिता दृष्टियों पर भी विस्तार से बात की. इस अवसर पर डॉ. हेमंत सेठिया और चैन सिंह राजपुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
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