Phalodi News: फलोदी जिलों की बाप पंचायत समिति के विकास अधिकारी गौतम चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वह मनरेगा को लेकर शिकायत करने आए हुए ग्रामीणों से गैर मर्यादित बातें कहते हुए नजर आ रहे हैं और यहां तक की अपने उच्च अधिकारियों के बारे में भी गलत बोलते नजर आ रहे हैं. दरअसल बाप क्षेत्र के चारणाई ग्राम पंचायत के ग्रामीण ग्राम सेवक व सरपंच के खिलाफ मनरेगा में हुए फर्जीवाड़े की शिकायत को लेकर ज्ञापन देने गये थे.
इस दौरान विकास अधिकारी गौतम चौधरी ने कहा कि, ''मनरेगा में चल रहा भ्रष्टाचार मैं तो क्या,मेरा बाप भी बंद नहीं कर सकताऔर मैं रिछपाल जी मिर्धा के इलाके का रहने वाला हूं. मेरे से फालतू बात नही करें. सगळा चोर हैं और महाचोर हैं''. जिस पर ग्रामीण कहते हैं कि, इस चोरी को रोकने के लिए आप ही कुछ कर सकते हैं, जवाब में विकास अधिकारी गौतम चौधरी कहते नजर आ रहे हैं कि 'मेरे बाप से भी नहीं रुकेगा'
'अधिकारी करते हैं, चिकनी-चुपड़ी बातें'
मनरेगा में भ्रष्टाचार की बात करते हुए विकास अधिकारी ने कहा कि, मेरे से ऊपर वाले अधिकारियों के पास भी चले जाओ तो भी कुछ नहीं होना है. आप लोगों से चिकनी चुपड़ी बातें कर आपको गुमराह कर भेज दिया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा आप लोगों की एक फोटो मीडिया में छप जाएगी. इससे कुछ नहीं हो सकेगा. उसके बाद विकास अधिकारी वीडियो में अपशब्द बोलते दिखाई दे रहे हैं.
हालांकि इस वायरल वीडियो को लेकर विकास अधिकारी गौतम चौधरी से जब एनडीटीवी ने बात की तो उन्होंने पहले तो कहा कि ''जिन लोगों ने वीडियो भेजा है, आप उनसे ही पूछें''. उसके बाद उन्होंने कहा, वीडियो भेजो मैं देखता हूं, लेकिन उसके बाद लगातार फोन करने के बावजूद भी विकास अधिकारी गौतम चौधरी ने फोन रिसीव नहीं किया.
सफाई दी तो बोले, जनता करती है भ्रष्टाचार
हालांकि अन्य मीडिया हाउस को दी गई सफाई में उन्होंने कहा कि जनता खुद भ्रष्टाचार कर रही है और 41 सेकंड के वीडियो में पूरी बात नहीं बताई. मेरे बयानों को तोड़ा मरोड़ा गया है. जनता खुद भ्रष्टाचार करती है तो रोके तो कैसे रोके, जनता भ्रष्टाचार कर रही है. उसे ही महा भ्रष्टाचारी कहा था और जनता को लेकर ही कहा था. लेकिन वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है रिकॉर्डिंग मेरे सामने हुई है कोई चुपके से नहीं की है.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक जिम्मेदार अधिकारी अपनी कुर्सी पर बैठकर किस तरह से जनता के साथ बर्ताव कर रहा है. और साथ ही साथ भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आई हुई जनता को किस तरह से गुमराह कर रहा है. और अपने उच्च अधिकारियों के लिए भी जो शब्द काम में ले रहे हैं वह कहां तक उचित है.
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