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कोचिंग संस्थानों पर कसे नकेल, NTA का हो पुनर्गठन, राधाकृष्णन समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

NTA Radhakrishnan Committee Report: देश में नौकरी और हायर एजुकेशन के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी एनटीए की कार्यप्रणाली में सुधार से संबंधित हाई लेवल कमेटी ऑफ एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट जारी कर दी गई है.

कोचिंग संस्थानों पर कसे नकेल, NTA का हो पुनर्गठन, राधाकृष्णन समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
एनटीए.

NTA Radhakrishnan Committee Report: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की कार्य-प्रणाली में सुधार और बदलाव के उद्देश्य से गठित की हाई लेवल कमेटी ऑफ एक्सपर्ट्स- एचएलसीई की रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने 17 दिसंबर को जारी कर दी. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जारी की गई 184-पेजों की रिपोर्ट में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी-एनटीए,नई दिल्ली के प्रशासनिक, वित्त एवं शैक्षणिक पुनर्गठन की सिफारिश की गई है. रिपोर्ट में कोचिंग-संस्थानों की कार्य-प्रणाली से संबंधित विशेष नीति बनाए जाने की भी सिफारिश की गई है. 

रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कोचिंग संस्थानों द्वारा एक समानांतर शैक्षणिक-प्रणाली निर्मित कर ली गई है जो कि सीनियर सेकेंडरी स्तर की स्कूली-शिक्षा के लिए घातक साबित हुई है. इस समानांतर-प्रणाली के कारण विद्यार्थियों की स्कूली उपस्थिति में भी कमी आई है.

एक्स्ट्रा समय और पैसा कोचिंग में छात्रों के तनाव का कारण

कोचिंग-संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा दिया गया अतिरिक्त समय एवं फीस वर्तमान समय में विद्यार्थियों में उत्पन्न हो रहे तनाव एवं दबाव का मुख्य कारण है. अतः इस तनाव को कम करने के लिए विशेष नीति बनाए जाने की आवश्यकता है. रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर यह सिफारिश भी की गई है कि पेपर-लीक तथा डमी-स्टूडेंट्स द्वारा परीक्षा में सम्मिलित होने की अनियमितताओं को रोकने के लिए सिक्योर्ड स्टैंडर्ड टेस्टिंग सेंटर्स बनाए जाने की आवश्यकता है. 

10 भागों में पेश की गई रिपोर्ट

इसके लिए युद्ध स्तर पर 1000-प्रतिष्ठित गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशंस का चयन किया जाना चाहिए. देव शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट को कुल 10-भागों में विभाजित किया गया है. भाग-6 एवं भाग-7 में एजेंसी की कार्यप्रणाली में किए जाने वाले सुधारों हेतु सिफारिशें का उल्लेख है. भाग-6 में तुरंत प्रभाव से लागू किए जाने वाले सुधारों का उल्लेख है जबकि भाग-7 में दीर्घकालिक सुधार उल्लेखित है. उपरोक्त सुधारों को लागू करने के हेतु एक हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी के गठन का भी उल्लेख किया गया है. 

उल्लेखनीय हो कि नीट परीक्षा में धांधली के बाद 22 जून को इसरो के पूर्व अध्यक्ष के.राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एनटीए में सुधार के लिए 7-सदस्यीय समिति गठित की गई थी. 

नीट यूजी परीक्षा में धांधली के बाद बनाई गई थी कमेटी

देव शर्मा ने बताया कि 4-जून,2024 को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 का परिणाम जारी किया गया था. परिणाम जारी किए जाने के पश्चात देशव्यापी स्तर पर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों ने परिणाम में अनियमितताओं तथा परीक्षा आयोजन के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में पेपर-लीक की घटनाओं पर गहरा रोष प्रकट किया था. अंततः यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा.

22 जून को 7 सदस्यीय समिति का हुआ था गठन

जहां नीट-यूजी,2024 के आयोजन को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी-एनटीए, नई दिल्ली की कार्यप्रणाली एवं परीक्षा आयोजित करने की क्षमता पर प्रश्न उठाए गए. तत्पश्चात सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों अनुसार शिक्षा-मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में कुल 7-सदस्यों की हाई लेवल कमेटी आफ एक्सपर्ट्स का गठन 22-जून,2024 को किया गया था.

शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर रिपोर्ट उपलब्ध

इस कमेटी को एक निश्चित समय सीमा में अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया था. देव शर्मा ने बताया कि एजेंसी की कार्य प्रणाली में सुधारों एवं बदलावों से संबंधित हाई लेवल कमेटी आफ एक्सपर्ट्स-एचएलसीई द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट अब शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है.

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