
Rajasthan: नरेश मीणा ने कहा कि घटना (एसडीएम को थप्पड़ मारा) के बाद लोगों ने इसे जातिवाद का मोड़ दे दिया था. जो (एसडीएम अमित कुमार) अधिकारी था, उसे मैं जानता तक नहीं था, और ना उसे कभी देखा था. उस समय घटना अचानक से घटी थी. सोचने तक का समय नहीं मिला था. वहा कोई अधिकारी है, ये भी नहीं पता था. एसडीएम था ये भी नहीं जानकारी थी. उसके बाद जब मुझे पता चला तो अफसोस भी हुआ. अगर उसकी जगह कोई मीणा अधिकारी भी होता तो उसको भी थप्पड़ पड़ते. वो किसी भी जाति धर्म का अधिकारी होता, वो एपीसोड होना था.
घटना के बहुत अफसोस हुआ
नरेश मीणा ने कहा, "घटना के बाद इस बात का मुझे बहुत अफसोस हुआ और दुख भी हुआ. इसके बाद जाट समाज मुझसे बहुत नाराज हुआ था. इसे मैंने महसूस किया था. जाट समाज में दुख था. मैं इसके लिए माफी भी चाहता हूं. मेरा इंटेंशन गलत नहीं था. मैंने अधिकारी को थप्पड़ मारा. किसी भी गरीब के साथ कोई गलत करेगा तो उसे भी थप्पड़ मारूंगा. वह चाहे मेरे मीणा समाज का ही अधिकारी क्यों न हो. जेल में मैंने महसूस किया कि मैंने गलत किया."
"हनुमान बेनीवाल को धन्यवाद दूंगा"
उन्होंने कहा, “हनुमान बेनीवाल ने जो स्टेटमेंट दिया तो उसके बाद लोगों को समझ में भी आई. बहुत सारी चीजें कंट्रोल में आईं, मैं उनको भी धन्यवाद दूंगा. कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी सरकार में बैठे विधायकों ने भी मेरी मदद की. कुछ सीएमओ में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भरसक मदद की. मैं बीजेपी वालों का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि उनका नुकसान हो जाएगा.”
"अन्याय कैसे सहन कर लूं"
नरेश मीणा ने कहा, “घटना के बाद यह दिखाया गया कि नरेश इसी स्टाइल का है. नरेश छात्र राजनीति से ऐसे ही राजनीति करता है. अक्रामक और अग्रेसिव राजनीति, आए दिन प्रशासनिक अधिकारियों से टकराना, पुलिस वालों से टकराना, यही मेरी पहचान रही. मेरे सामने कोई अन्याय हो रहा हो और मैं उसे सहन कर लूं. चुप-चाप देखता रहूं तो जो लाखों लोग मेरे साथ हैं, वे कैसे मेरे ऊपर विश्वास कर लेंगे.”
"आंगनबाड़ी महिला को कभी नहीं भूलेंगे"
नरेश मीणा ने कहा, “पूरे गांव के लोगों ने बहिष्कार कर रखा था. अधिकारी एक आंगनबाड़ी की महिला (चित्रा मीणा) का हाथ पकड़कर जबरन वोट डलवाते हैं और कहते हैं वोट दो नहीं तो नौकरी खा जाएंगे. इसके बाद भी वो महिला डरी नहीं और मेरे ऊपर भरोसा किया. सच्चाई सामने आ गई. मेरी गलती थी कि मुझे हाथ नहीं उठाना चाहिए था. मुझे जब कोई छात्र नेता जी कहता है तो मुझे बहुत गंदा लगता है. मुझे भाई कहता है तो अच्छा लगता है.”
"लालू यादव मेरे फेवरेट नेता हैं"
नरेश मीणा ने कहा, “लालू यादव मेरे फेवरेट नेता हैं. आज भी सीबीआई और ईडी चली जाती है, जेल में रहा. लेकिन समझौता नहीं किया. नरेश मीणा भी समझौता नहीं करेगा. खाटूश्यामजी दर्शन करने गया तो दुपट्टा देखकर बहुत लोगों ने कहा कि नरेश मीणा ने समझौता कर लिया. नरेश मीणा झुकना तो जानता ही नहीं. जन भावना जो मुझसे चाहती है, मैं वही करूंंगा."
यह भी पढ़ें: "SDM को थप्पड़ मारकर जो मिला वो MLA बनकर भी नहीं मिलता", मां के साथ खाटूश्यामजी दर्शन करने पहुंचे नरेश मीणा