Rajasthan water crisis: जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की माने तो बांध में जितना पानी है, उससे जयपुर और टोंक शहर में दो महीने तक ही सप्लाई हो सकती है. मानसून के दौरान बांध में पानी की आवक नहीं होती है तो अगस्त में शहर में पानी की सप्लाई गड़बड़ा सकती है. जलदाय इंजीनिय वैकल्पिक इंतजामों पर फोकस कर रहे हैं.
पांच दिनों में 10 सेंटीमीटर पानी घटा
गुरुवार यानी 13 जून की सुबह 6 बजे बांध का जल स्तर 309.84 आरएल मीटर था. पिछले पांच दिनों में 10 सेंटीमीटर घटा है. सबकी नजरें और उम्मीदें बीसलपुर बांध पर टिकी है. इस मानसून तक पानी पेयजल के लिए उपलब्ध होने की बात अधिकारी कह रहे हैं.
बारिश पर टिकी उम्मीदें
मानसून के सक्रिय होने के साथ उम्मीदें बांध के जलसंग्रहण वाले जिलों में बरसात पर भी टिकी होगी. वहां अच्छी बरसात भी हो. वंहा के बांध ओवरफ्लो हो, जिससे बारिश का पानी बीसलपुर बांध तक पंहुचे. 13 जून की सुबह तक बांध में पानी 38.708 टीएमसी के मुकाबले 10.366 टीएमसी पानी रह गया है. बांध का 26.78 प्रतिशत पानी स्टोर है.
600 नलकूल सूख चके हैं
इंजीनियर दावा कर रहे हैं कि शहर में 3300 नलकूप है और इनमें से लगभग 600 सूख चुके हैं या खराब हैं. इन नलकूपों को सुधारा जा रहा है, जिससे बांध से पानी की सप्लाई गड़बड़ाने पर पानी लिया जा सके.