राजस्थान के टोंक शहर से खाटू श्याम जी मंदिर तक की पांच दिवसीय पदयात्रा गुरुवार को भव्य शोभायात्रा के साथ रवाना हुई. इस पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष नाचते-गाते शामिल हुए. यह 17वीं पदयात्रा है, जो 26 सितंबर को रींगस में खाटू श्याम जी मंदिर पहुंचेगी.
टोंक के श्रीश्याम मंदिर से विधिवत पूजा-अर्चना व ध्वज निशान के पूजन के बाद शोभायात्रा शुरू हुई. यह शोभायात्रा नोशेमियां का पुल, काफला बाजार, सुभाष सर्किल, घन्टाघर से होकर कंकाली माता मंदिर पहुंची, जहां मातारानी के दर्शन कर फिर पदयात्रियों के जत्था बमोर गेट, छावनी तिराहा और कामधेनु सर्किल होते रवाना हो गए.
आयोजन समिति से जुड़े शैलेन्द्र गर्ग ने बताया कि 25 साल पहले श्याम मित्र मंडल बनने के बाद कुछ दोस्तों ने इसकी शुरुआत की है. लेकिन 17 साल पहले पद यात्रा भव्य शोभायात्रा के रूप में शुरू हुई और हर बार पदयात्रा में पदयात्रियों व श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने अनुशासित रूप से निकेलने वाली भव्य पदयात्रियों के आयोजन कर्ताओं की सराहना की है.
पदयात्रा की विशेषताएं:
* यह पदयात्रा पिछले 17 सालों से जारी है.
* इस पदयात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष शामिल होते हैं.
* पदयात्रा में बाबा श्याम की मनमोहक झांकी सजाई जाती है.
* पदयात्रा का आयोजन श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा किया जाता है.
पदयात्रा का महत्व:
* यह पदयात्रा आस्था की भावना का प्रतीक है.
* यह पदयात्रा लोगों को एकजुट करती है.
* यह पदयात्रा राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देती है.
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