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स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल नहीं, व्यवस्था हुई डिरेल; बच्चों ने पैदल मार्च निकाल जताया विरोध

राजस्थान के बीकानेर जिले में गांव की स्कूल स्थायी प्रिंसिपल लगाने के लिए अभिभावकों ने रोष जताया है, जिसके बाद ग्रामीण बच्चों को लेकर जिला मुख्यालय की ओर कूच पर निकाल गए.

स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल नहीं, व्यवस्था हुई डिरेल; बच्चों ने पैदल मार्च निकाल जताया विरोध
जिला मुख्यालय की ओर जाते अभिभावक और बच्चे.

Rajasthan News: अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहुत सजग रहते है, यह बात सुनी थी लेकिन राजस्थान के बीकानेर जिले में इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा भी गया. यहां सूरतगढ़ के मालेर गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में स्थायी प्रिंसिपल लगाने की मांग को लेकर, अभिभावक और बच्चे पैदल ही जिला मुख्यालय की ओर चल दिए. गांव की स्कूल में पिछले तीन दिनों से ग्रामीण स्कूल पर तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. गांव वालों की मांग है कि स्कूल में एक स्थायी प्रिंसिपल लगाए और पुराने अस्थायी प्रिंसिपल को निलंबित करें. गांव के लोगों के बीकानेर आने की खबर मिलने पर प्रशासन में खलबली मच गई.

मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन 

जानकारी के अनुसार सूरतगढ़ क्षेत्र के मालेर गांव की राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पिछले तीन दिनों से तालाबंदी जारी है. ग्रामीणों की मुख्य मांग है कि स्कूल में एक स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाए. साथ ही वर्तमान कार्यवाहक प्रिंसिपल भानुप्रिया गहलोत को निलंबित किया जाए. ग्रामीणों ने यह कदम अस्थायी प्रिंसिपल के काम से नाराज होकर उठाया है.

तीन दिन तक लगातार प्रदर्शन के बाद भी ग्रामीणों की मांगें पूरी नहीं की गई. इसके बाद शुक्रवार को गांव वालों ने बीकानेर में शिक्षा निदेशालय की ओर कूच करने का निर्णय लिया. भीषण गर्मी में बच्चों और अभिभावकों ने अब तक करीब 15 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगे पूरी नहीं होने तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

प्रशासन में मच गई खलबली 

ग्रामीणों के बीकानेर कूच की खबर मिलने के बाद शिक्षा विभाग में भी हलचल मच गई है. मामले को सुलझाने के लिए अधिकारियों की एक टीम तुरंत मौके पर भेजी गई है. टीम में एडीएम कन्हैयालाल सोनगरा, डीएसपी प्रतीक मील, सीडीईओ पन्नालाल कड़ेला और तहसीलदार हाबुलाल मीणा शामिल हैं.

अधिकारी लगातार ग्रामीणों और बच्चों से संवाद करने की कोशिश कर रहे हैं. शिक्षा विभाग ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की और कार्यवाहक प्रिंसिपल को एपीओ कर दिया. लेकिन ग्रामीण प्रिंसिपल के निलंबन की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी प्रिंसिपल के खिलाफ जांच की गई थी, लेकिन उस जांच को दबा दिया गया. ग्रामीणों ने इस जांच की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है. मामले में स्थिति तनावपूर्ण अभी बनी हुई है. प्रशासन इस समस्या का जल्द समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है. 

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