विज्ञापन

Rajasthan Patwari Strike: राजस्थान में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पटवारी, कामकाज हुआ ठप; जानिए क्या है पूरा मामला

पटवार संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. सरकार और पटवार संघ के बीच बातचीत की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है.

Rajasthan Patwari Strike: राजस्थान में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पटवारी, कामकाज हुआ ठप; जानिए क्या है पूरा मामला

Rajasthan Patwari Strike: राजस्थान में पटवारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. पटवार संघ ने हाल ही में अपनी मांग को लेकर पटवारी और गिरदावर द्वारा कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि अगर मांगों पर विचार नहीं किया जाएगा तो 13 जनवरी से पटवारी और गिरदावर कार्य बहिष्कार करेंगे. इसके बाद पटवारी संघ ने 13 जनवरी से हड़ताल शुरू कर दी है और प्रदेश भर में पटवारी और गिरदावरों ने कार्य बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. 

बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ तहसील में पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे तहसील के कामकाज पर गहरा असर पड़ा है. यह हड़ताल राजस्थान पटवार संघ के आह्वान पर शुरू की गई है और अनिश्चितकालीन है. पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से वेतन विसंगतियों को दूर करने, पदोन्नति में सुधार और अन्य प्रशासनिक सुविधाओं की मांग शामिल है.

कामकाज हुआ पूरी तरह से ठप

पटवारीयों के हड़ताल पर जाने के बाद कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है और आमजन परेशान है. पटवार संघ का आरोप है की सरकार द्वारा बनाए गए दिशा निर्देश के तहत वह काम नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में ऑनलाइन गिरदावरी करते समय एप में सर्वर नहीं चलने की वजह से गिरदावरी पर असर पड़ रहा है एवं डीपीसी सहित तमाम कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.

श्री डूंगरगढ़ में में तहसील मुख्यालय पर धरना देते पटवारी

श्री डूंगरगढ़ में में तहसील मुख्यालय पर धरना देते पटवारी

रजिस्ट्री, नामांतरण, खातेदारी के संशोधन प्रक्रिया पूरी तरह से ठप

तहसील कार्यालय में पटवारियों ने धरना दिया है, जिससे रोज़मर्रा के कामकाज जैसे जमीन की रजिस्ट्री, नामांतरण, खातेदारी के संशोधन, और अन्य दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई है. इस स्थिति के कारण आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. तहसील में आने वाले लोग अपने कामों के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें निराशा हाथ लग रही है. खासकर किसान और ग्रामीण इलाके के लोग जो जमीन के कागजातों से जुड़े कामकाज के लिए पटवारी कार्यालय पर निर्भर हैं, वे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.

9 सूत्रीय मांगों पर अड़े पटवारी 

पटवार संघ की ओर से 9 सूत्री मांग में कहा गया है कि पटवारी से भू अभिलेख निरीक्षक पद की डीसीपी और भू अभिलेख निरीक्षकक पद से नायब तहसीलदार पद की डीसीपी जो पहले से लंबित पड़ी है. उसे जल्द बहाल करने की मांग की गई है. 752 भू-अभिलेख निरीक्षक के नए पद पर जल्द क्लीयर करने और अन्य नए पद सृजित करने की मांग की गई है. साथ ही नायब तहसीलदार से तहसीलदार के पद पर पदोन्नति का कोटा बढ़ाने की मांग की गई है.

जबकि पटवार भवनों में अच्छी सुविधा जैसे फर्नीचर, कंप्यूटर, लैपटॉप जैसी सुविधा देने की मांग की गई है. स्टेशनरी भत्ता बढ़ोतरी कर 1 हजार करने और हार्ड ड्यूटी भत्ते को 5000 रुपये करने की भी मांग की जा रही है.

यह भी पढ़ें - ''बाहरी साज़िश का हाथ तो नहीं'' समरावता कांड की जांच करने टोंक पहुंचे राष्ट्रीय ST आयोग के सदस्य

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close