
Jaipur News: राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इलाज के नाम पर बंदियों को बाहर निकालकर होटलों में मौज कराने वाले ट्रांजिट रैकेट का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि जयपुर सेंट्रल जेल में बंद आनंदीलाल निकला है. जांच में सामने आया है कि आनंदीलाल जेल के अंदर से ही तय करता था कि किस बंदी को डॉक्टर से पर्ची दिलवाकर एसएमएस अस्पताल रेफर किया जाएगा और फिर उसे होटल में शिफ्ट किया जाएगा. जेल के भीतर से चल रही इस अवैध व्यवस्था में बाकायदा 20 हजार रुपये की पर्ची कटती थी, जिसके बाद बंदी को जेल से अस्पताल और फिर होटल तक पहुंचाया जाता था.
मामले में अब ताल 18 लोगों की गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस सुनियोजित ट्रांजिट रैकेट में अब तक कुल 18 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. ताजा कार्रवाई में लालकोठी थाना पुलिस ने गुरुवार को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मास्टरमाइंड आनंदीलाल का पिता शिंभुदयाल, सरकारी स्कूल में कार्यरत यूडीसी हनुमान सहाय मीणा और राहुल मीणा शामिल हैं. पूछताछ में सामने आया है कि इन सभी के खातों में इलाज के बहाने जेल से निकाले गए बंदियों द्वारा ऑनलाइन राशि ट्रांसफर की गई थी.
रैकेट में शामिल कई लोगों की पहचान
पूरी प्रक्रिया में हर चरण पर मिलीभगत के प्रमाण मिले हैं. डॉक्टर की पर्ची से लेकर अस्पताल रेफर करने, वहां से होटल तक शिफ्टिंग और हर स्तर पर किसी न किसी की भूमिका पाई गई है. पुलिस के अनुसार, सरकारी कर्मचारी हनुमान सहाय मीणा जैसे लोग इस रैकेट में ‘फेसिलिटेटर' की भूमिका में थे, जो अस्पताल की प्रक्रियाओं को आसान बनाते और होटल शिफ्टिंग में मदद करते थे.
जेल, अस्पताल और प्रशासनिक तंत्र, सब शामिल
यह मामला सिर्फ जेल तक सीमित नहीं है, बल्कि अस्पताल और प्रशासनिक तंत्र तक फैला हुआ है. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ जेल और अस्पताल कर्मियों की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है. इस पूरे मामले को जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने एक “सुनियोजित जेल-मेडिकल रैकेट” करार दिया है, जिसमें बंदियों को विशेष सुविधा देने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी. लालकोठी थाना पुलिस का कहना है कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और अभी कई और कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है.
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