Jaipur-Delhi NH Toll Tax Increase: जयपुर से दिल्ली नेशनल हाईवे पर चलने वाले लोगों को 18 जनवरी की रात 12 बजे से ज्यादा टोल चुकाना होगा. वहीं दिल्ली से जयपुर आने वाले यात्रियों को भी ज्यादा टोल टैक्स देना होगा. नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर टोल टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है. जिसे 18 जनवरी की रात 12 बजे यानी 19 जनवरी से लागू किया गया है. यानी अब जयपुर से गुरुग्राम तक जाने वाले वाहनों को पहले से ज्यादा टोल पर खर्च करने होंगे. हालांकि सबसे बड़ी बात यह भी है कि जयपुर-दिल्ली NH का कंसेशन पीरियड पूरा हो चुका है.
NHAI ने जयपुर-दिल्ली हाईवे पर टोल टैक्स में 35 रुपये की बढ़ोतरी की है. हालांकि यह पूरा बढ़ा हुआ किराया तीन टोल नाकों पर चुकाना होगा. तीन टोल नाकों पर 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये टोल का किराया बढ़ाया गया है.
जयपुर-दिल्ली NH पर किस टोल पर कितना होगा किराया
जयपुर-दिल्ली NH पर दौलातपुरा टोल, मनोहरपुर टोल और शाहजहांपुर टोल हैं. जिस पर अलग-अलग किराया निर्धारित है. वहीं अब NHAI के निर्देश के अनुसार इन टोल पर किराया ज्यादा लिया जाएगा. दोलतपुरा टोल पर पहले 70 रुपये टोल था जो अब 75 रुपये लिये जाएंगे. मनोहरपुर टोल प्लाजा पर पहले 80 रुपये लिये जा रहे थे जो अब 90 रुपये लिये जाएंगे. जबकि शाहजहांपुर टोल पर पहले 170 रुपये टोल लिये जा रहे थे जो अब 190 रुपये लिये जाएंगे. यानी अब कुल 355 रुपये देने होंगे.
टोल की नई दर
दौलतपुरा टोल- 75 रुपये
मनोहरपुर टोल- 90 रुपये
शाहजहांपुर टोल- 190 रुपये
क्यों बढ़ाया गया टोल
बताया जा रहा है कि NHAI ने जयपुर से शाहजहांपुर तक करीब 155 किलोमीटर तक रोड पर रेनोवेशन का कार्य कराया था. इस काम को पूरे हुए भी एक महीने से ऊपर हो गए है. इस वजह से 18 दिसंबर को ही टोल टैक्स बढ़ाने का फैसला किया गया था. लेकिन इसे किसी कारण से टाल दिया गया था. लेकिन अब एक महीने बाद 19 जनवरी से लागू किया जा रहा है.
जयपुर-दिल्ली NH का कंसेशन पीरियड हो चुका है पूरा
बताया जाता है कि जयपुर-दिल्ली NH का कंसेशन पीरियड करीब 4 साल पहले ही पूरा हो चुका है. यानी 2021 में ही नेशनल हाईवे का कंसेशन पीरियड पूरा हो चुका है. लेकिन नए फ्लाइओवर कंस्ट्रक्शन, मेंटेनेंश जैसे काम को लेकर NHAI अब तक टोल वसूली कर रहा है. जबकि अब तक टोल दरों का रिव्यू होना चाहिए था. लेकिन इस टोल रिव्यू नहीं किया गया है. बता दें जो फर्म हाईवे का निर्माण करता है वह निर्माण लागत और अपने लाभांश और इसकी वसूली के दौरान NH के रखरखाव पर जो खर्च आता है वह टोल के द्वारा वसूला जाता है. जब वसूली पूरी हो जाती है तो इसे सरकार को सौंप दिया जाता है.
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