पाचन से जुड़ी बीमारियों का काल है नाशपाती, जानें सेवन के फायदे और नुकसान

नाशपाती आयुर्वेद का अमृतफल है, जो ठंडी तासीर से गर्मी में राहत देता है.यह फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो,यह पाचन सुधारता है.

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नाशपाती की तस्वीर.

Health News: मौसम के हिसाब से फल खाना शरीर को ताकत देता है.जैसे अनार खून बढ़ाने में मदद करता है और पपीता पेट की सफाई करता है वैसे ही नाशपाती एक ऐसा फल है जो पेट हृदय और शुगर की समस्याओं से निपटने में सहायक साबित होता है.यह फल विटामिन फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो रोजमर्रा की सेहत को मजबूत बनाता है.

आयुर्वेद का अमृतफल

आयुर्वेद में नाशपाती को अमृतफल या अमरफल के नाम से जाना जाता है.इसकी तासीर ठंडी होने से यह गर्मी के मौसम में राहत देता है.इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को हानि से बचाते हैं और उन्हें नई ऊर्जा प्रदान करते हैं.संक्रमणों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है जिससे रोग कम होते हैं.यह फल खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती और वजन पर काबू रहता है. 

पाचन का साथी

नाशपाती में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कब्ज की समस्या दूर करती है और शरीर से हानिकारक तत्वों को आसानी से बाहर निकालती है.पाचन तंत्र मजबूत बनता है और पेट से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं.यह सूजन को घटाता है और ऑक्सीडेटिव तनाव से राहत दिलाता है.साथ ही शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है जो समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी है.

हृदय और शुगर पर नियंत्रण

यह फल हृदय स्वास्थ्य के लिए वरदान है.कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है और दिल की बीमारियों का खतरा घटाता है.प्राकृतिक शर्करा होने के बावजूद इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है जो रक्त में शुगर को स्थिर रखता है.मधुमेह के रोगियों के लिए यह फायदेमंद साबित होता है.इसके अलावा यह दिमाग को शांति देता है और मन को तरोताजा करता है।

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सावधानियां और नुकसान

नाशपाती के फायदे बहुत हैं लेकिन सर्दी जुकाम या बुखार में इसे न खाएं क्योंकि ठंडी तासीर से कफ बढ़ सकता है.हमेशा सीमित मात्रा में लें ज्यादा खाने से पेट दर्द या अन्य परेशानियां हो सकती हैं.डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन करें तो बेहतर होगा.

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