भरतपुर जिले के कस्बा हलैना में डॉ. विजय सिंघल को सीएचसी प्रभारी पद से हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है. कस्बा वासियों ने डॉक्टर को पुनः सीएससी प्रभारी पद पर लाने को लेकर सुबह 8 से 10 बजे मुख्य बाजार को बंद रखा. कस्बा वासियों ने वर्तमान विधायक व मंत्री भजनलाल जाटव पर सीएचसी प्रभारी पद से हटाने का आरोप लगाया है.
वहीं डॉक्टर विजय सिंघल का कहना है कि उन्हें इसलिए प्रभारी पद से हटाया गया कि उन्होंने चुनाव में उनकी सहायता नहीं की. 9 अक्टूबर आचार संहिता से पहले उन्हें इस पद से हटाने के आदेश जारी हुए और उनकी जगह जूनियर डॉक्टर सौरभ मीणा को सीएचसी का प्रभार सौंप दिया. सीएचसी का प्रभार सौंप दिया.
प्रशासन ने दिया आश्वासन
कस्बा वासियों को जब इस मामले का पता चला तो बड़ी संख्या में शनिवार को हलैना बाजार में एकत्रित होकर मुख्य बाजार को बंद कर डॉ. विजय सिंघल को सीएचसी प्रभारी के पद पर लगाने की मांग कर रहे है. वहीं कस्बावासियों के विरोध को देखते हुए स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और कस्बावासियों से आश्वासन देकर संबंधित अधिकारियों को अवगत कराने की बात कही.
मंत्री-विधायक को ठहराया दोषी
वहीं भाजपा प्रत्याशी बहादुर सिंह कोली का कहना है कि विधायक व मंत्री भजनलाल जाटव ने डॉक्टर विजय सिंघल को जानबूझकर सीएससी प्रभारी पद से हटाया है. इसी के चलते लोगों में विधायक के खिलाफ भारी रोष है और उसी के विरोध में शनिवार को कस्बा के मुख्य बाजार को बंद किया है. लोगों की स्थानीय प्रशासन से मांग है कि डॉक्टर विजय सिंघल को सीएससी प्रभारी के पद पर दोबारा से लगाया जाए.
डॉक्टर ने खुद बताया
डॉक्टर विजय सिंघल ने बताया कि मंत्री भजनलाल जाटव ने उन्हें आचार संहिता से ठीक कुछ घंटे पहले ही सीएमएचओ के आदेश पर प्रभारी पद से हटवाया है और पुन: सीएचसी पद से हटाने की मुख्य वजह चुनावों में किसी भी प्रकार की सहायता और समर्थन नहीं देना. यही वजह है कि उन्होंने नवंबर 2022 में सीएससी पद से भी हटाया गया था. स्थानीय प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया है. अब देखना होगा कि संबंधित अधिकारी इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं.
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