Rajasthan News: अजमेर दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन अली खान के बेटे नसीरुद्दीन चिश्ती ने शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चादर भेजे जाने को सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए. ओवैसी ने हैदराबाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई लाभ नहीं है.
परंपरा को निभा रहे PM मोदी
चिश्ती ने कहा कि परंपरा रही है कि चादर प्रधानमंत्री द्वारा चढ़ाई जाती है, जिसका पालन मोदी कर रहे हैं. चिश्ती ने कहा कि ओवैसी का बयान उचित नहीं है. वह प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ सकते हैं, जो उन्होंने चादर के साथ भेजा है.'
रीजीजू ने पढ़ा पीएम का संदेश
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 'उर्स' पर अजमेर दरगाह पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेजी गई चादर चढ़ाई. इस दौरान उन्होंने दरगाह में प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ा, जिसमें सभी धर्मों के लोगों से सद्भावना के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया है.
'ख्वाजा गरीब नवाज ने बढ़ाया सौहार्द'
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ते हुए कहा कि भारत में विभिन्न कालखंडों में विभिन्न संतों और फकीरों ने जन-जन के बीच जाकर उनके जीवन को आलोकित किया और मानवता के संदेश से अपनी अमिट छाप छोड़ी. इन्हीं में से एक ख्वाजा गरीब नवाज ने समाज में प्रेम और सौहार्द बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
किरेन रीजीजू ने कहा कि 'अमन और भाईचारे को समर्पित उनका जीवन पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. सशक्त देश और समाज के निर्माण के लिए हरसंभव कार्य करने की प्रेरणा देता रहेगा.'
क्या कहा था ओवैसी ने?
हैदराबाद में ओवैसी ने आरोप लगाया कि 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अजमेर दरगाह पर चादर भेजने से कोई फायदा नहीं है. सरकार को मौजूदा मस्जिदों या दरगाहों को लेकर अदालतों में दायर किए जा रहे दावों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए'.
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