
Rajasthan: बीजेपी किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष और श्रीश्याम पीजी गेस्ट हाउस के संचालक नरदेव यादव पर हुई गोलीबारी की घटना ने अब नया मोड़ ले लिया है. घटना के करीब 10 दिन बाद पीड़ित नरदेव यादव ने खुद सामने आकर उस रात की पूरी आपबीती साझा की है. नरदेव ने बताया कि 4 जुलाई की रात को पुलिसकर्मियों ने पहले उसे पीजी से बाहर बुलाया, फिर सिर में वार किया और इसके बाद दोनों पैरों में गोली मार दी.
दोनों पुलिसकर्मी सस्पेंड
पीड़ित का आरोप है कि वारदात के बाद पुलिस ने मौके से उसकी गाड़ी को जब्त कर लिया, और उसमें रखी उसकी डायरी और मोबाइल भी कब्जे में ले लिए. इस मामले में पहले ही कोटपूतली-बहरोड़ डीएसपी प्रभारी हेड कांस्टेबल राकेश कुमार और सोशल मीडिया सेल के कांस्टेबल उम्मेद सिंह की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद एसपी राजन दुष्यंत ने दोनों को निलंबित कर दिया था.

बीजेपी नेता पर बदमाशों ने हमला कर दिया था.
4 जुलाई को हुई थी फायरिंग
4 जुलाई की रात को नीमराना के श्रीश्याम पीजी गेस्ट हाउस के बाहर दो गाड़ियों में आए अज्ञात हमलावरों ने नरदेव यादव और उनके साथी अक्षय पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. नरदेव को दो गोलियां लगीं, जिसमें अक्षय भी घायल हो गया. गंभीर हालत में दोनों को नीमराना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. शुरुआती जांच में आपसी रंजिश के चलते हमला करने की बात सामने आई. हमलावरों ने मौके पर खड़ी एक कार में भी तोड़फोड़ की थी.

पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.
तीन गिरफ्तार, कई अब भी फरार
नीमराना थाना पुलिस ने वारदात के 6 दिन बाद 3 आरोपियों राजवीर उर्फ राजू, संजय और पंकज को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उनके कब्जे से दो संदिग्ध कारें भी बरामद की थीं. इसके साथ ही बर्डोद के योगेश सैनी उर्फ राहुल और भूपखेड़ा निवासी विजेंदर अभी भी फरार चल रहे है. नीमराना की एडिशनल एसपी शालिनी राज वारदात के तुरंत बाद मौके पर पहुंचीं थीं.
कई सवाल खड़े
इस सनसनीखेज घटनाक्रम में अब जब पीड़ित ने खुद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, तो यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या पुलिस के लोग भी अब निजी रंजिशों में शामिल हो रहे हैं?
यह भी पढ़ें: पटरियों पर पानी तो कहीं अंडरब्रिज में फंसी बस, पानी में बह गई कार; मूसलाधार बारिश में चौंकाने वाली तस्वीरें