Fake Officer Arrested In Jaisalmer: जैसलमेर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक युवक को फर्जी RAS अधिकारी बनकर पुलिस पर धौंस जमाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी युवक का नाम हरजीत सिंह है. हरजीत लाल बत्ती लगी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहा था. सादा वर्दी में गश्त के दौरान जैसलमेर के एसपी सुधीर चौधरी ने सोनार किले के पास उसे को रोका हरजीत फ़र्ज़ी आईडी कार्ड दिखाकर खुद को RAS अधिकारी बता रहा था.
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी को हरजीत पर पर शक हुआ, जिसके बाद उसे कोतवाली थाने लाया गया. जांच में पता चला कि हरजीत सिंह का RAS अधिकारी होने का दावा पूरी तरह फर्जी है. पुलिस ने बताया की हरजीत अजमेर का रहने वाला है लाल बत्ती लगी हुई कार लेकर खुद को फ़र्ज़ी RAS अधिकारी बता रहा है. वह पुलिस अधिकारियों पर भी रौब जमा रहा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि युवक के मंसूबे क्या थे और वह फर्जी RAS अधिकारी बनकर किन उद्देश्यों को पूरा करना चाहता था.
SP ने बताया, कैसे हर चीज़ फ़र्ज़ी थी
एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि कल रात को गश्त के दौरान एक संदिग्ध युवक पुलिसकर्मी से उलझ रहा था, वो अपने आपको एक RAS अधिकारी बता रहा था. उसकी गाड़ी पर जो मल्टीकलर्ड लाइट है, जो लॉ एनफोर्समेंट एजेंसीज को इमरजेंसी सेवा में जो अधिकारी होते हैं उन्हीं के पास होती है.
उन्होंने बताया कि पहली नज़र में थोड़ा संदिग्ध प्रतीत हुआ तो मैंने SHO कोतवाली को निर्देश दिए कि इसकी जांच की जाए जांच के दौरान सामने आया है कि उसके पास में एक फर्जी आईडी कार्ड था और उसकी गाड़ी पर स्टेट मोटर गैराज लिखा हुआ था उसके अलावा जो मल्टीकलर्ड बेकन थी उसका एक बिल उसके पास में मिला जो कि राजस्थान सचिवालय के नाम से था.
आरोपी ने किस-किसको ठगा इसकी करेंगे जांच- SP
SP ने बताया कि यह एक प्राइवेट व्यक्ति था और बाद में उसने कबूल भी किया कि धौंस जमाने के लिए और वीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए यह सब किया. साथ ही फर्जी RAS बनकर उसने कितने लोगों को ठगा इसकी भी विस्तृत जांच करवा रहे है. इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.
वही एसपी सुधीर चौधरी ने एनडीटीवी के माध्यम से अपील की है किअगर कोई भी व्यक्ति इस हरजीत सिंह के माध्यम से ठगी का शिकार हुआ है या इस व्यक्ति ने स्वयं को RAS अधिकारी बताकर किसी के साथ ठगी की है तो वो जैसलमेर पुलिस से सम्पर्क करे.हम उनके बयान लेंगे.वही अगर कोई ठगी जैसलमेर में हुई है तो उसका प्रकरण भी अलग से दर्ज करेंगे.इस प्रकरण में अनुसंधान जारी है क्योकि यह एक गंभीर विषय है.
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