Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले में भरतपुर विकास प्राधिकरण (BDA) द्वारा अवैध कॉलोनियों के खिलाफ शुरू की गई सख्त कार्रवाई ने रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी डीलरों के बीच हड़कंप मचा दिया है. BDA ने हाल ही में 7 अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाकर स्पष्ट संकेत दिया है कि अवैध निर्माण और प्लॉटिंग को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से सकते में आए प्रॉपर्टी डीलरों ने अब एकजुट होकर राज्य सरकार और प्रशासन के सामने अपनी बात रखने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया है.
सीएम तक गुहार लगाने की तैयारी
BDA की सख्त कार्रवाई से घबराए प्रॉपर्टी डीलरों ने तत्काल एक आपातकालीन बैठक आयोजित की. इस बैठक में डीलरों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगों को सरकार और प्रशासन के सामने मजबूती से रखने का फैसला किया. डीलरों ने सर्वसम्मति से अपनी समस्याओं को अधिकारियों तक पहुंचाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी जल्द ही मुख्यमंत्री कार्यालय (CM OSD), जिला कलेक्टर और BDA आयुक्त को ज्ञापन सौंपेगी. डीलरों की मुख्य मांग है कि जिन कॉलोनियों को BDA के गठन से पहले बसाया गया था, उन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. वे चाहते हैं कि इन पुरानी कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए.
'हम भाजपा पार्टी से जुड़े हैं, सरकार हमारी मदद करे'
इस मामले ने एक राजनीतिक मोड़ भी ले लिया है. प्रॉपर्टी डीलरों ने अपनी बैठक में खुलकर कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) पार्टी से जुड़े हुए हैं और सरकार एवं जिला प्रशासन को सहयोग दे रहे हैं. डीलरों का कहना है कि वे सरकार की मदद कर रहे हैं, इसलिए सरकार और जिला प्रशासन को भी उनकी मदद करनी चाहिए और अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई रोकनी चाहिए. डीलरों ने तर्क दिया है कि इन कॉलोनियों में गरीब तबके के मजदूरों ने अपनी गाढ़ी कमाई से प्लॉट खरीदे हैं. BDA की कार्रवाई से इन मेहनतकश लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. वे चाहते हैं कि इस मामले को केवल कानूनी नजरिए से न देखकर मानवीय आधार पर भी देखा जाए, ताकि छोटे प्लॉट धारकों को बचाया जा सके.
अवैधता का जाल, ग्राहकों को असली नुकसान
BDA की कार्रवाई अपनी जगह सही है, क्योंकि अवैध कॉलोनियों के कारण शहरों का बेतरतीब विकास होता है, जहां मूलभूत सुविधाएं (सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज) उपलब्ध नहीं हो पाती हैं. इस अव्यवस्था का खामियाजा अंततः आम जनता को भुगतना पड़ता है.
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