Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में मंगलवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया, जब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने बिना किसी पूर्व सूचना के ईएसआईसी अस्पताल (ESIC Model Hospital Jaipur) का औचक निरीक्षण किया. आधी रात को हुए इस अचानक दौरे में अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई. मंत्री मांडविया को वार्डों और इमरजेंसी यूनिट में गंभीर अव्यवस्था देखने को मिली, जहां ड्यूटी पर तैनात कई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नदारद मिले.
डॉक्टर ड्यूटी से गायब, इमरजेंसी वार्ड खाली!
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था. उनके साथ राजस्थान सरकार में मंत्री सुमित गोदारा भी मौजूद थे. दोनों नेताओं ने सीधे अस्पताल के विभिन्न वार्डों और इमरजेंसी यूनिट का रुख किया ताकि वे वास्तविक स्थिति का जायजा ले सकें. निरीक्षण के दौरान वार्डों और इमरजेंसी यूनिट में कई जगहों पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं मिला. प्राथमिक जांच में पता चला कि एक-दो डॉक्टर भी अपनी ड्यूटी से नदारद थे, जिससे मरीजों की देखभाल सीधे तौर पर प्रभावित हो रही थी. अस्पताल के कई हिस्सों में अव्यवस्था साफ दिखाई दे रही थी, जो मरीजों के लिए परेशानी का सबब थी.
मरीजों के परिजनों ने की गंभीर शिकायतें
इस दौरान केंद्रीय मंत्री मांडविया ने मौके पर मौजूद मरीजों और उनके परिजनों से भी सीधा संवाद किया. इस दौरान मरीजों के परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ की अनुपस्थिति को लेकर कई गंभीर शिकायतें साझा कीं. परिजनों ने मंत्री को बताया कि देर रात डॉक्टरों का उपलब्ध न होना और इलाज में लापरवाही उनकी सबसे बड़ी चिंता है. उन्होंने शिकायत की कि स्टाफ अक्सर नदारद रहता है, जिससे गंभीर मरीजों को तत्काल सहायता नहीं मिल पाती है. मंत्री मांडविया ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुना और मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए.
केंद्रीय मंत्री ने दी सख्त चेतावनी
केंद्रीय मंत्री के इस निरीक्षण ने साफ कर दिया है कि जयपुर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में भी प्रशासनिक ढिलाई चरम पर है, जिसका खामियाजा सीधे-सीधे आम मरीज को भुगतना पड़ रहा है. निरीक्षण के बाद, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने अस्पताल प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी और व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार लाने के निर्देश दिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ड्यूटी से नदारद रहने वाले स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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