
Jodhpur News: एक रिश्ता अपनी गर्माहट को बनाए रखने से बनता है, फिर चाहे आप सात समंदर पार ही क्यों न चले गए हों. ऐसा ही एक भावुक वाकया सामने आया है, जिसमें रिश्तों की परिभाषा 4,758 किलोमीटर की दूरी तय करके बयां की गई. यह घटना राजस्थान के जोधपुर के लूणी कस्बे में मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तान में देखने को मिला, जहां केन्या ( Kenya) से एक महिला के परिजन 90 सालों से उसकी कब्र पर हर साल श्रद्धांजलि देने आते थे.
90 सालों से केन्या महिला की कब्र पर आ रहे हैं परिजन
लूणी निवासी रफीक खान ने बताया कि साल 1934 में केन्या की एक महिला मरुमा मोटिबा विश्राम समेजी लूणी स्टेशन पर अचानक बीमार पड़ गई थी. जिससे उसकी वहीं मौत हो गई थी. उस समय संसाधनों के अभाव में महिला के शव को केन्या भेजना मुश्किल हो रहा था.ऐसे में कस्बे के सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों की मदद से मृतक महिला के शव को मुस्लिम कब्रिस्तान में ले जाकर दफनाया गया और कब्र बनाई गई. जो आज भी वैसी ही है. जिसकी देखभाल मृतक महिला के परिजन करते हैं.
लूणी स्टेशन पर हुई थी मौत
केन्या से आई महिला के परपोते मुर्तजा रोशन अली मेराली देवजी ने बताया कि वह उनकी परदादी थीं. उस समय उनका परिवार भारत में रहता था. वह गुजरात की रहने वाली थीं. जब महिला अपने ससुर देवजी पोपटिया के साथ धार्मिक यात्रा के लिए भारत आईं तो तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई. उनके परदादा देवजी पोपटिया 1850 में भारत से केन्या गए थे. उनका एक बेटा मेराली देवजी था. वर्तमान में मृतक के 14 बेटे-बेटियां हैं. उनके पूरे परिवार में 2 हजार से ज्यादा सदस्य हैं. सभी सदस्य विदेश में रहते हैं.
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