
Rajasthan News: कहते है कि किताबों का नशा भी लाजवाब होता है....इसका हर लति कामयाब होता है. प्रियंका तोमर की ये लाइन आज सच होती दिखाई दे रही है. वह इसलिए क्योंकि राजस्थान में जैसलमेर के कोहरा गांव निवासी डॉ. जालम सिंह ने अपनी लेखन प्रतिभा से राजस्थान पुलिस और जैसलमेर का नाम रोशन किया है.
साइबर क्राइम पुलिस थाना, जैसलमेर में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत डॉ. सिंह ने अपनी पुस्तक ‘आर्थिक अपराध और पुलिस' के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है. इसलिए इनका नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ है.
पुस्तक के लिए मिला प्रतिष्ठित सम्मान
डॉ. जालम सिंह ने यह पुस्तक राजस्थान पुलिस में हेड कांस्टेबल के रूप में कार्य करते हुए लिखी थी. उनकी इस उपलब्धि के लिए 28 अगस्त, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किया.
पुस्तक का विमोचन 10 जून, 2020 को तत्कालीन गृह राज्य मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने किया. पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक को राजस्थान पुलिस के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताया गया.
पुस्तक में आर्थिक अपराधों का गहन विश्लेषण
यह पुस्तक वैश्वीकरण के दौर में बढ़ते आर्थिक अपराधों पर आधारित है. इसमें भारत में आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए पुलिस और अन्य एजेंसियों की भूमिका को विस्तार से समझाया गया है.
डॉ. सिंह ने यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अपराध और प्रवर्तन तंत्र का तुलनात्मक अध्ययन भी प्रस्तुत किया है. पुस्तक में केस स्टडीज के माध्यम से पुलिस और आम जनता को आर्थिक अपराधों की समझ विकसित करने में मदद की गई है.
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से सम्मान
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के संपादकीय बोर्ड ने गहन सत्यापन के बाद डॉ. सिंह को मेडल, प्रशस्ति पत्र, बैज, कार स्टिकर, कलम और वर्ल्डकिंग्स टॉप रिकॉर्ड्स का नवीनतम संस्करण देकर सम्मानित किया. उनकी पुस्तक को वर्ल्डकिंग्स टॉप रिकॉर्ड्स के अगले संस्करण में भी प्रकाशित किया जाएगा.
प्रेरणा का स्रोत
डॉ. जालम सिंह की यह उपलब्धि न केवल राजस्थान पुलिस बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है. उनकी पुस्तक पुलिस को आर्थिक अपराधों से लड़ने में सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देती है.
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