
Rajasthan Assembly Camera: राजस्थान विधानसभा में अतिरिक्त कैमरे लगने को लेकर विपक्ष लगातार सवाल पूछ रहा है. वहीं विपक्ष का आरोप है कि यह सरकार की ओर से लगाए गए हैं. जो न केवल विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों पर नजर रखी जाती है, बल्कि वसुंधरा राजे गुट के विधायकों की जासूसी की जा रही है. हाल ही में वसुंधरा राजे विधानसभा पहुंची थी. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने दावा किया है कि कैमरे के जरिए वसुंधरा राजे गुट की जासूसी भी सरकार कर रही है.
CCTV कैमरों के पीछे असली वजह वसुंधरा राजे गुट
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सत्ता पक्ष कांग्रेस को टारगेट कर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार न सिर्फ कांग्रेस विधायकों बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भी जासूसी करवा रही है. जूली ने दावा किया कि दो दिन पहले जब वसुंधरा राजे सदन में आई थीं तो यह तक देखा गया कि कौन-कौन विधायक उनसे मिलने गया. उन्होंने कहा कि विधानसभा में लगाए गए CCTV कैमरों के पीछे असली वजह वसुंधरा राजे गुट पर निगरानी रखना है.
जूली ने इसे बेहद गंभीर विषय बताते हुए कहा कि हिडन कैमरों से विधायकों की जासूसी लोकतंत्र की मर्यादाओं के खिलाफ है. उन्होंने विधानसभा की संयुक्त समिति गठित कर इसकी जांच कराने की मांग की है.
हालांकि देवनानी बोले कि सदन चलना सत्ता पक्ष और विपक्ष का काम है. पहले के अध्यक्षों की अपेक्षा मेरा लचीलापन ज्यादा रहा है. निजता ना भंग हुई है ना होगी, नेता प्रतिपक्ष का माइक हमेशा चालू रहेगा या निर्देश दे दिए हैं.
कैमरा लगाने से ऐतराज नहीं लेकिन अलग कैमरे लगाए ही क्यूं
देवनानी के बात पर टीकाराम जूली ने कहा कि कैमरा लगाने से ऐतराज नहीं है. नए कैमरे लगाना अपग्रेड में नहीं आता है. यूट्यूब के माध्यम से जनता के बीच कार्रवाई सदन की जा रही है, नए जो दो कैमरे लगे हैं वह किस मद से लगे हैं. उनकी अनुमति ली या नहीं, दो कैमरे सदन कार्रवाई ख़त्म होने के बाद भी चलती रहती है उस पर ऐतराज है. सदन में पहले से दो कैमरे लगे हैं तो दो कैमरे लगाने के कहां जरूरत पड़ी. नेता प्रतिपक्ष ने सदन में चुनौती देते हुए कहा कि इन दो कैमरों का एक्सेस देखा है, आप 15 मिनट सदन की कार्रवाई स्थगित कर दो मैं बता दूंगा.
वासुदेव देवनानी ने दिया जवाब
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी कैमरों को लेकर कहा कि कैमरे विधानसभा के सदन में शुरुआत से ही लगे हुए हैं. यह कैमरे विधानसभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड करते हैं. हाल ही में यूट्यूब का लाइव प्रसारण भी इन कैमरा के जरिए शुरू किया गया है. राष्ट्रमंडल संसदीय समिति की राजस्थान शाखा के तत्वाधान में आयोजित होने वाले विभिन्न सेमिनार भी इन कैमरों की मदद से प्रसारित किए जाते रहे हैं. यह कैमरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. इसलिए उनकी नियत लाइफ भी होती है. समय–समय पर सदस्यों द्वारा अधिकारी दीर्घा को लेकर आसन का ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है. अधिकारियों की दीर्घा में आसन के पांव पर होने के बावजूद कई बार आवाजाही होती है. ऐसे में अधिकारी दीर्घा की तरफ भी एक कैमरा लगाया गया है. सदन में लगाए गए कैमरे किसी सदस्य विशेष की तरफ फोकस नहीं किए गए है. यहां लगे हुए कैमरे 360 डिग्री पर घूमते हैं.
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि सदन में लगे कैमरे से किसी भी सदस्य की निजता का उल्लंघन नहीं होता है. अन्य राज्यों की विधानसभा और लोकसभा में भी कैमरे लगे हुए हैं. इसलिए कैमरे की आवश्यकता कितनी है यह आज की स्थिति में हम सब महसूस करते हैं? आपको ध्यान होगा, लोकसभा में एक व्यक्ति दीर्घा से कूद गया था. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी कैमरे महत्वपूर्ण हो जाते हैं. देवनानी ने कहा, इसलिए निजता को लेकर किसी को भी शंका करने की जरूरत नहीं है. देवनानी ने कहा कि, ना अब तक किसी की निजता भंग हुई है, ना ही किसी की निजता आगे भंग होगी.
देवनानी ने कहा, जो आरोप लगाए गए हैं, वह पूर्णतया निराधार हैं.
जोगाराम पटेल ने कहा सवाल पूर्व सीए के OSD से पूछें
विधानसभा में जासूसी के मुद्दे पर पटेल ने साफ कहा कि न तो वसुंधरा राजे की जासूसी हुई थी और न ही किसी अन्य सदस्य की. उन्होंने कहा कि जो कैमरे विधानसभा में लगे हैं, वे उसी समय से लगे हुए हैं जब यह भवन बना था. पटेल ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को यह सवाल पूर्व मुख्यमंत्री के OSD से पूछना चाहिए. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और कहा कि उनमें इतनी हिम्मत नहीं है कि सदन में आकर अपनी बात रख सकें.
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