Rajasthan News: देशभर के पांच राज्यों में कुछ महीनों बाद चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में नेता जयपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं. कुछ अपने समीकरणों से जीत का दावा कर रहे हैं, तो कुछ बड़े नेताओं की सिफारिश के दम पर टिकट मांग रहे हैं. हालांकि इस बार कांग्रेस हो या बीजेपी, दोनों ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. ऐसे में दावेदार यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव का टिकट स्थानीय नेताओं के सिफारिश से मिलेगा या फिर टिकट आला कमान फाइनल करेगा? बात करें कांग्रेस की तो इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नई रणनीति के साथ उतरती हुई दिखाई दे रही है.
टिकट काटने की हाईकमान से मंजूरी
राजस्थान में लंबे समय से विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा की सरकार बनती आई है, लेकिन इस बार कांग्रेस रिपीट करने की बात कहती दिखाई दे रही है. इसके पीछे की हकीकत क्या है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन फिलहाल राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस इस बार अपने मौजूदा तीन दर्जन से अधिक नेताओं के टिकट काट सकती है. इन तीन दर्जन टिकटों में मौजूदा सरकार के मंत्री और विधायक शामिल हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि मौजूदा मंत्री-विधायकों की एक सूची हाईकमान को भेजी गई थी, जिनकी टिकट कट सकती है, जिसको लेकर आलाकमान ने हरी झंडी भी दे दी है. खबर है कि कुछ धर्मगुरुओं और नए युवाओं को इस बार कांग्रेस मौका दे सकती है. इनके अलावा पुरस्कार विजेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं को टिकट देने के बारे में भी कांग्रेस पार्टी में विचार चल रहा है.
15 अक्टूबर तक जारी हो सकती है लिस्ट
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस लगातार टिकटों की सूची जारी करने की बात कह रही है, हालांकि अब तक सूची जारी नहीं की गई. लेकिन अंदरखाने कुछ नेताओं को पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने का इशारा मिल चुका है जिसमें बीकानेर, कोटा और सीकर संभाग के नेता शामिल हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस टिकटों की सूची 15 अक्टूबर के आसपास जारी कर सकती है. पार्टी के पास लगभग सभी विधानसभा सीटों से टिकट दावेदारों का पैनल आ चुका है, जिस पर प्रदेश कांग्रेस पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री व स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगई चर्चा कर सूची आलाकमान को पहुंचाएंगे. इसके बाद संगठन और सरकार से जुड़े नेताओं की दिल्ली में बैठक हो सकती है.