Rajasthan assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद चुनाव परिणामों को लेकर कयासों के दौर के बीच एक रोचक तथ्य यह भी है कि बांसवाड़ा विधानसभा सीट ऐसी है, जिसके परिणाम और प्रदेश की सत्ता का सीधा रिश्ता है. हम बात कर रहें आदिवासी बहुल सीट बांसवाड़ा की. माना जाता है कि यहां से जिस पार्टी का विधायक बनता है, प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार बनती है.
गौरतलब है बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सर्वप्रथम 1952 में विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें एस एस पी से बालाजी पहले विधायक चुने गए थे. हालांकि उनका चुनाव निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद 1953 में यशोदा देवी यहां से विधायक बनीं और उनके समर्थन से कांग्रेस की राज्य में सरकार बनीं. 1957 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मौगजी भाई विधायक बने और उनके समर्थन से राज्य में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन हुई.
वहीं,1962 में सोशलिस्ट पार्टी के विट्ठल भाई विधायक निर्वाचित हुए. उसके पश्चात 1967 से 1993 तक हरिदेव जोशी यहां से लगातार विधायक चुने गए और हरिदेव जोशी के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनीं. वर्ष 1998 में कांग्रेस के रमेश चंद्र पंड्या विधायक निर्वाचित हुए और राज्य में कांग्रेस ने सरकार बनाई और अशोक गहलोत पहली बार सीएम बने.
वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के भवानी जोशी विधायक दोबारा चुनाव जीते और इस चुनाव में पहली बार वसुंधरा राजे के नेतृत्नव में राज्य में भाजपा सरकार बनीं. वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अर्जुन सिंह बामणिया विधायक निर्वाचित हुए, कांग्रेस फिर सत्ता में लौटी और गहलोत ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के धनसिंह रावत विधायक के तौर पर चुने गए, इस बार फिर भाजपा की सरकार बनीं और वसुंधरा राजे दूसरी बार राजस्थान की सीएम पद की शपथ ली. वर्ष 2018 में कांग्रेस की ओर से अर्जुन सिंह बामणिया दूसरी बार विधायक चुने गए. राज्य में कांग्रेस की सरकार बनीं और अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बनें.
फिलहाल, सबकी नजर राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के चुनाव परिणामों पर है. बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से अर्जुन सिंह बामणिया एक बार फिर कांग्रेस पार्टी से मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने धन सिंह रावत को एक बार फिर यहां उम्मीदवार बनाए गए हैं. बांसवाड़ा से अगर धन सिंह रावत की जीत होती है, तो राज्य में भाजपा सरकार की संभावना होगी.
अगर आगामी 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना में अर्जुन सिंह बामणिया दोबारा विधायक चुने जाते हैं तो कांग्रेस राजस्थान का 30 साल पुराना इतिहास और रिवाज दोनों तोड़ने में कामयाब हो जाएगी. हालांकि होने को यह भी हो सकता है कि बांसवाड़ा से विजयी प्रत्याशी की पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ जाए और हारने वाले की पार्टी सत्ता के निकट पहुंच जाए.
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