
राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र का सोमवार को आखिरी दिन है. ऐसे में सोमवार (24 मार्च) को विधानसभा में तीन अहम बिल पारित किया जाएगा. इनमें राजस्थान विधियां निरसन विधेयक में प्रदेश में 45 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को खत्म किया जाएगा. इनमें बीकानेर स्टेट डिस्ट्रिक्ट बोर्ड एमेंडमेंट एक्ट 1952 और बीकानेर म्यूनिसिपल अमेंडमेंट एक्ट 1952 जैसे पुराने कानून शामिल हैं. इसके अलावा कोचिंग स्टूडेंट सुरक्षा विधेयक में कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या रोकने और कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे.
3 अहम बिल पारित कराने की घोषणा
बजट सत्र के आखिरी दिन तीन अहम बिल पारित कराने की घोषणा के साथ सरकार ने धर्मांतरण विरोधी बिल को इस सत्र में पारित नहीं कराने का फैसला किया है. ऐसे में अब धर्मांतरण विरोधी बिल अगले सत्र तक टलता हुआ नजर आ रहा है. तीसरा शहरी विकास प्राधिकरन संशोधन विधेयक में शहरी विकास से जुड़े नियमों में बदलाव किया जाएगा, जिससे नियोजन और विकास संबंधी प्रक्रियाएं आसान हो सकें.
धर्मांतरण विरोधी बिल को 3 फरवरी को विधानसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे पारित करवाने की कोई तारीख तय नहीं की गई. इस विधयेक में लव जिहाद को परिभाषित किया गया है. यानी विधेयक पारित होने के बाद कोई भी शख्स अगर जबरन या गलत बयानी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीके से धर्मांतरण कराता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी. यानी लव जिहाद को गंभीर अपराध माना जाएगा.
धर्मांतरण विरोध बिल में क्या है?
विधेयक में धर्मांतरण को गैर जमानती अपराध माना जाएगा. जबकि इसमें 1 साल कम से कम सजा होगी जिसे 5 साल तक बढ़ाने का प्रावधान होगी. इसके अलावा 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान होगा. अगर पीड़ित नाबालिग है, महिला है, या SC और ST से संबंधित है तो आरोपी को 2 साल की सजा जो 10 साल तक बढ़ाई जा सकेगी और 25 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान होगा. जबकि संगठित रूप से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान होगा और 10 साल तक की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
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