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मैं जिंदा हूं... जीवित महिला को मृत बताकर जारी किया मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्थान से सामने आई बड़ी लापरवाही

राजस्थान के भरतपुर जिले में नगर निगम की बढ़ी लापरवाही सामने आई है, निगम ने जीवित महिला सहलजा सागर का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. इससे महिला को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मैं जिंदा हूं... जीवित महिला को मृत बताकर जारी किया मृत्यु प्रमाण पत्र, राजस्थान से सामने आई बड़ी लापरवाही
पीड़ित महिला सहलजा सागर.

Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर जिले में नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. निगम ने जीवित महिला को मृत घोषित कर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. महिला नगर निगम अधिकारियों को इस मामले से अवगत भी करवा चुकी है लेकिन अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पीड़िता का कहना है कि वह 24 साल की है लेकिन सरकारी कागजों में मृत होने के कारण किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रही. नगर निगम आयुक्त भी इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिखे उन्होंने आनाकानी करते हुए संबंधित अधिकारी से बात करने के लिए कहा.

बेटी की जगह मां का बनाया मृत्यु प्रमाण पत्र

महिला का नाम सहलजा सागर है. पीड़िता तयौंगा हाल सोगरिया मोहल्ले की रहने वाली है. पीड़िता ने बताया की 23 अगस्त 2022 को प्रसव के लिए जनाना अस्पताल में भर्ती हुई थी. प्रसव के दौरान एक बच्ची को जन्म दिया. दो दिन बाद बच्ची की मौत हो गई. बड़े भाई रविकांत ने मृत बच्ची लाव्या का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर में एप्लाई किया.

नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने लापरवाही पूर्वक मृत बच्ची लाव्या की जगह मुझे मृत घोषित कर 2 सितंबर को मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. जब इसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की गई तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.

जीवित महिला को मृत बताने की इस घटना को 2 साल हो गए, लेकिन अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र सही नहीं हुआ. महिला को सरकारी योजनाओं के लाभ लेने में काफी परेशानी आ रही है. 

मुझे नहीं पता- किसका प्रमाण पत्र हुआ जारी  

नगर निगम आयुक्त रिछपाल सिंह बुडरक से जब इस मामले को लेकर जानकारी चाहिए तो उन्होंने साफ मना कर दिया. साथ ही कहा कि जब तक पीड़िता लिखित में शिकायत नहीं देगी तब तक हमें क्या पता की किसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ. आगे उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया.

नगर निगम रजिस्टार प्रवीण भारद्वाज ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, संबंधित बाबू को जांच करने के लिए बोला गया है. जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा की यह किसकी गलती और किसकी लापरवाही से जारी हुआ.

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