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राजस्थान में बिना सरकार की अनुमति के नहीं चलेगी कोचिंग, विपक्ष ने कहा- 25 हजार करोड़ का कारोबार... छात्रों पर बढ़ रहा दबाव

राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि कोई भी कोचिंग बिना सरकार की अनुमति के नहीं चलेगी. इसको लेकर विपक्ष के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया भी दी.

राजस्थान में बिना सरकार की अनुमति के नहीं चलेगी कोचिंग, विपक्ष ने कहा- 25 हजार करोड़ का कारोबार... छात्रों पर बढ़ रहा दबाव
राजस्थान विधानसभा

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन 'राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025' पर जोरदार चर्चा हुई. विधेयक को लेकर पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने अपनी राय रखी, जिसमें परीक्षा प्रणाली, कोचिंग संस्थानों की भूमिका और मेंटल हेल्थ जैसी अहम चिंताओं पर चर्चा हुई. इस दौरान उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि अब बिना सरकार के अनुमति के कोई भी कोचिंग नहीं चलेगी. वहीं विपक्ष के नेताओं ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी.

कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कोचिंग उद्योग के बढ़ते दायरे पर चिंता जताते हुए कहा कि हम 200 विधायक ही इसके लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों को कोचिंग संस्थानों की ओर धकेलने के पीछे मौजूदा परीक्षा प्रणाली बड़ी वजह है. अगर इसे सही किया जाए तो छात्रों पर कोचिंग की निर्भरता कम होगी.

100 करोड़ परीक्षा सुधार प्रणाली में खर्च करने की मांग

विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कोचिंग उद्योग करीब 25,000 करोड़ रुपये का हो गया है, लेकिन इससे छात्रों पर दबाव भी बढ़ रहा है. उन्होंने सरकार से 100 करोड़ रुपये का फंड परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए खर्च करने की मांग की.

भाटी ने उठाया मेंटल हेल्थ का मामला

विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि कोचिंग सेंटर के साथ-साथ छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य (मेंटल हेल्थ) पर भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा के दबाव में आकर मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं.

भाटी ने कोचिंग इंडस्ट्री की सच्चाई को सामने रखते हुए कहा कि आज के समय में 10,000 छात्रों में से महज 100 का ही सिलेक्शन हो पाता है. इससे बाकी बच्चों पर असफलता का भारी बोझ पड़ता है, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया

हरीश चौधरी ने सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे बच्चों की नींव कमजोर पड़ रही है और उन्हें मजबूरी में कोचिंग संस्थानों की ओर जाना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि अगर सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता सुधारी जाए और परीक्षा प्रणाली में बदलाव लाया जाए, तो बच्चों को कोचिंग संस्थानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

बिना सरकारी अनुमति के नहीं चलेगी कोचिंग

राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि हमारे प्रदेश में चल रही कोचिंग संस्थानों से विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त हो रही है. राजस्थान शिक्षा और ज्ञान की भूमि रही है.  

कोटा जिसे कभी शिक्षा के केंद्र के रूप में देखा जाता था आज कोचिंग का उद्योग बनकर रह गया है. आज हमें यह सुनिश्चित करना है की कोचिंग केवल व्यवसाय और लाभ के लिए ना चले बल्कि वे छात्रों को अपने संस्थानों में एक पारदर्शी में आवश्यक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करें.

उन्होंने कहा कि इस बिल उद्देश्य कोचिंग संस्थानों को परेशान करने का नहीं है. इस बिल से सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण किया जाएगा. कोई भी कोचिंग बिना सरकार की अनुमति के नहीं चलेगी.  प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी.

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