Rajasthan News: पंजाब के लुधियाना में दिल्ली-अमृतसर हाईवे स्थित लाडोवाल टोल के पास हुए एनकाउंटर मामले में घायल दो युवको में से एक श्रीगंगानगर जिले का रामलाल और दूसरा अबोहर निवासी दीपू है. दोनों को पुलिस की गोली लगने के बाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक आरोपी को पांच और दूसरे को दो गोलियां लगीं, हालांकि उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है. पंजाब पुलिस ने दोनों आरोपियों को आंतकी मोडूयल का हिस्सा बताया है.
पाकिस्तानी हैंडलर के इशारे पर काम
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में घायल दोनों आरोपी पाकिस्तान-स्थित हैंडलर जसवीर उर्फ चौधरी के निर्देश पर काम कर रहे थे. दोनों को पंजाब में ग्रेनेड हमले कर डर और तनाव फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. यह मॉड्यूल लॉरेंस बिश्नोई गैंग से सीधा जुड़ा हुआ है. इसके साथ ही एक आरोपी का सलमान खान के घर फायरिंग मामले के आरोपियों से भी कनेक्शन मिला है. पुलिस जांच में पता चला है कि दोनों का मकसद सरकारी इमारतों और संवेदनशील स्थानों पर ग्रेनेड फेंककर माहौल बिगाड़ना था.
दो दिन रामलाल का बंद रहा फोन
लुधियाना में हुए आतंकी एनकाउंटर के बाद अब इसका सीधा कनेक्शन श्रीगंगानगर जिले से जुड़ता नजर आ रहा है. जिले के ताखरावाली गांव के रहने वाले रामलाल का नाम सामने आने बाद परिजनों ने दावा किया कि रामलाल निर्दोष है. उनका कहना है कि पंजाब के शेरेवाला गांव का निवासी दीपक उर्फ़ दीपू पिछले कई दिनों से उनके घर पर रुका हुआ था और उसने ही रामलाल को अपने साथ पंजाब ले जाने के लिए तैयार किया. परिवार का कहना है कि दो दिनों तक रामलाल का फोन बंद रहा, जिससे उन्हें किसी अनहोनी की आशंका होने लगी.
मंदिर में माता की करता था सेवा
रामलाल की मां ने बताया कि गांव का एक युवक अमित कार चलाकर ले गया था. अमित की मां ने बताया कि लुधियाना में होटल पर ठहरने के दौरान दो युवक वहां आए और उन्होंने रामलाल व दीपक को अचानक पकड़ लिया. स्थिति संदिग्ध लगने पर अमित गाड़ी लेकर वापस गांव लौट आया. इसके तुरंत बाद उन्हें मीडिया के जरिए एनकाउंटर की खबर मिली. घरवालों ने बताया कि रामलाल ने अपने घर में ही एक छोटा मंदिर बनाया हुआ था और वहीं माता की सेवा करता था. आस-पास के क्षेत्रों से कई लोग दर्शन करने भी आते थे. परिजनों का कहना है कि रामलाल कभी किसी संदिग्ध गतिविधि से नहीं जुड़ा रहा और उन्हें पूरा विश्वास है कि दीपक ने उसका ब्रेन वाश कर दिया और उसे अपने साथ ले गया.
एनकाउंटर में घायल हुआ दीपक उर्फ़ दीपू पंजाब के शेरेवाला गांव का निवासी है. दीपू के परिवार का कहना है कि उनको अपने बेटे के बारे में ख़बरों से पता चला है, लेकिन उनका बेटा ऐसा बिलकुल नहीं है. उनको विश्वास नहीं हो रहा है क्योंकि उनका बेटा ऐसा नहीं कर सकता. उसको फसाया गया है. वह मेहनत मज़दूरी करता था. उनके बेटे का पिछला रिकॉर्ड भी चैक किया जाए उसका कही कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने बताया की दीपू श्री गंगानगर में काम करता था. परिवार का कहना है कि वह पढ़ाई करके विदेश जाना चाहता था.
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