
Rajasthan News: राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार और समाज एक साथ कदम बढ़ा रहे हैं. शनिवार को जयपुर के माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में आयोजित 29वें भामाशाह सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 135 भामाशाहों को सम्मानित किया. इनमें 35 को शिक्षा विभूषण और 100 को शिक्षा भूषण पुरस्कार दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि यह बच्चों को नैतिकता और संस्कार सिखाकर बेहतर नागरिक बनाने का जरिया है.
शिक्षा के लिए आधुनिक कदम
राज्य सरकार शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने बताया कि 14 हजार स्कूलों में आईसीटी लैब्स और 13 हजार स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम शुरू किए गए हैं. इसके अलावा 402 पीएम श्री स्कूलों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं शुरू हुई हैं. स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में पहली बार प्राथमिक कक्षाएं शुरू की गई हैं.
बालिकाओं को मिला प्रोत्साहन
सरकार ने गर्गी पुरस्कार और बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 2.27 लाख बालिकाओं को 90 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए दिए. साथ ही 88 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को टैबलेट और लैपटॉप, 10.5 लाख साइकिलें और 30 हजार छात्राओं को स्कूटी दी गई. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने एक साल में वह काम किया, जो पिछली सरकार पांच साल में नहीं कर पाई.
भामाशाहों का समाज का योगदान
मुख्यमंत्री ने भामाशाहों को बच्चों के सपनों को उड़ान देने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ये भामाशाह केवल स्कूल भवन नहीं बना रहे, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. समारोह में मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु के 15 प्रवासी राजस्थानी भामाशाहों को भी सम्मानित किया गया.
नई योजनाओं का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने शिविरा ई-बुलेटिन, भामाशाह प्रशस्ति पुस्तिका, नई पाठ्यपुस्तकों और 1000 करोड़ की आरटीई वाउचर डीबीटी योजना का डिजिटल लोकार्पण किया. समारोह में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, जिला प्रमुख रमा चोपड़ा और कई अधिकारी मौजूद रहे. यह समारोह शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और समाज के सहयोग का शानदार उदाहरण बना.
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