
Rajasthan Assembly Elections 2023: चुनाव निर्वाचन आयोग एक तरफ तो राज्य के विधानसभा चुनाव में मतदान बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रयास कर रहा है, यहां तक कि जो बूथ तक नहीं आ पाते उन्हें घर से मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहा है. लेकिन राज्य की जेल में बंद करीब 24 हजार बंदी अपने मतदान अधिकार का उपयोग नहीं कर पाएंगे.
कुछ ही कैदी कर सकते हैं मतदान
दरअसल जो नियम जेल बन्दियों के लिये बने हुए हैं उसके अंतर्गत जेल में निरुद्ध व्यक्ति को ही मतदान का अधिकार है जो कि सिर्फ गिने-चुने ही है. यही कारण है कि जोधपुर जेल में बंद करीब 1522 बन्दियों में से राजपासा में निरूद्ध सिर्फ तीन व्यक्तियों की तरफ से मतदान करने के आवेदन जेल प्रशासन की तरफ से जिला निर्वाचन आयोग को भेजे गए हैं.
डाक पत्र से करेंगे मतदान
राज्य के गृह विभाग ने बीते माह पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जेल में निरुद्ध व्यक्तियों को ही मतदान करवाने के आदेश दिये है. इसके तहत जेल में निरूद्ध व्यक्ति से एक आवेदन पत्र निर्वाचन अधिकारी को भेजा गया है. जो संबंधित विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी को भिजवाया गया है. निर्वाचन अधिकारी की ओर से जेल में बंद कैदी को डाक मत पत्र उपलब्ध करवाया जाएगा.
प्रदेश में कैदियों की संख्या 24 हजार
प्रदेश की जेल में 24 हजार के करीब कैदी हैं. राजस्थान की सेंट्रल जेल और उपकारागृहो में करीब 24 हजार बंदी बंद है. जिसमें सजायापता बंदी भी शामिल हैं. वहीं बात अगर जोधपुर सेंट्रल जेल की की जाए तो यहां पर 15 सौ 22 बंदी बंद हैं और राजपासा में तीन व्यक्तियों को निरूद्ध किया गया था. इनमें से एक व्यक्ति जेल से छूट चुका है और अब राजपासा में सिर्फ दो ही व्यक्ति निरूद्ध है जो अब डाक मत के माध्यम से अपना वोट देंगे.
विचाराधीन कैदी नहीं करेंगे मतदान
दरअसल अपराध करने पर या पकड़े जाने के बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भिजवाया जाता है. उनके साथ सजा भुगतने वाले कैदी भी बंद होते हैं. जेल में विचाराधीन बंदी व सजा काट रहे कैदियों को मतदान से वंचित रखा गया है. जबकि राजपासा या अन्य एक्ट में निरुद्ध व्यक्ति को मतदान करने की सुविधा दी जा रही है.
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