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This Article is From Dec 04, 2023

Rajasthan Election 2023: यहां धनसिंह को धनसिंह ने हराया, हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी ने जीतकर रचा इतिहास

निर्दलीय प्रत्याशी धन सिंह भील को 3327 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी धनसिंह रावत को महज 1400 वोट मिले, जिससे उन्हें हार नसीब हुई. यह पहला मौका है जब कोई अपने गृह क्षेत्र से सैंकड़ों किलोमीटर दूर आकर कोई चुनाव लड़ा और एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजयी हुआ.

Rajasthan Election 2023: यहां धनसिंह को धनसिंह ने हराया, हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी ने जीतकर रचा इतिहास

Rajasthan Assembly Election 2023: बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी धनसिंह रावत को उनके हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी धनसिंह ने हरा दिया. बांसवाड़ा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी धनसिंह भील ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री धनसिंह रावत को हराकर सुर्खियों में हैं. चुनाव परिणाम आए और बाजी धन सिंह भील के हाथ लगी और भाजपा प्रत्याशी हाथ मलते रह गए. 

हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी से मिली हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी धन सिंह रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने ही निर्दलीय प्रत्याशी को बाहरी जिले से उनका वोट काटने के लिए ही नामांकन पत्र दाखिल कराया गया था.

भाजपा प्रत्याशी धनसिंह रावत को 1400 वोट मिले

निर्दलीय प्रत्याशी धन सिंह भील को 3327 वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी धनसिंह रावत को महज 1400 वोट मिले, जिससे उन्हें हार नसीब हुई. हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी से मिली हार पर प्रतिक्रिया देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने ही निर्दलीय प्रत्याशी को बाहरी जिले से उनका वोट काटने के लिए ही नामांकन पत्र दाखिल कराया गया था.

यह है पूरी चुनावी चाल

भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री धन सिंह रावत को चुनावी मैदान में उतारा तो बांसवाड़ा से करीब साढ़े तीन सौ किलोमीटर दूर झालावाड़ जिले के मनोहर थाना तहसील क्षेत्र के चांदपुर भिलान गांव के रहने वाले धनसिंह भील ने बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया और भाजपा प्रत्याशी को हराकर इतिहास रच दिया है. 

यह पहला मौका था जब कोई बाहरी जीता

बांसवाड़ा जिले में आजादी के बाद से जो भी चुनाव हुए हैं, इसमें यहीं के प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरे हैं. लेकिन यह पहला मौका है जब कोई अपने गृह क्षेत्र से सैंकड़ों किलोमीटर दूर आकर कोई चुनाव लड़ा और वह भी एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर. निर्दलीय प्रत्याशी के अतिरिक्त यहां भाजपा, कांग्रेस, भारतीय आदिवासी पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी समेत अन्य सभी 39 प्रत्याशी मूल रूप से बांसवाड़ा जिले के ही रहने वाले थे.

जिले की सभी विधानसभा आरक्षित

गौरतलब है कि जनजाति बहुल बांसवाड़ा संभाग के बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ की सभी विधानसभा की 11 सीटें और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए ही आरक्षित है, और यहां केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग का व्यक्ति ही सरपंच से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ सकता है.

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