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राजस्थान की इस सीट पर चतुष्कोणीय संघर्ष, बीजेपी विधायक गोयल अब कांग्रेस के साथ, दिलीप ने थामा ASP का हाथ

अविनाश गहलोत से नाखुश क्षेत्रवासियों और कार्यकर्ताओं ने इस बार योगी लक्षमण नाथ को अपना समर्थंन दिया है. ऐसे में इस बार जैतारण विधानसभा का चुनाव चतुष्कोणीय मुकाबले में नजर आ रहा है.

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राजस्थान की इस सीट पर चतुष्कोणीय संघर्ष, बीजेपी विधायक गोयल अब कांग्रेस के साथ, दिलीप ने थामा ASP का हाथ

Rajasthan Election 2023: पाली जिले की जैतारण विधानसभा सीट राजस्थान की एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. जहां 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. इस बार जैतारण सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे यह तो जनता को ही तय करना है. जैतारण सीट राजस्थान के पाली जिले में आती है.

साल 2018 में जैतारण में कुल 34% वोट पड़े थे. जिसमें भारतीय जनता पार्टी से अविनाश गहलोत ने कांग्रेस के दिलीप चौधरी को मात्रा 12 वोटों के मार्जिन से हराया था. जैतारण सीट राजसमंद के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से दीया कुमारी सांसद हैं जो कि भारतीय जनता पार्टी से हैं. उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को 55,1916 से हराया था.

कांग्रेस ने दिया गोयल को टिकट 

जैतारण विधानसभा से 5 बार विधायक और मंत्री रहे बीजेपी के कद्दावर नेता सुरेंद्र गोयल ने 2018 में बीजेपी से टिकट कट जाने के कारण बीजेपी को इस्तीफा सौप दिया था. वही गोयल बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे.

सुरेंद्र गोयल बीजेपी उम्मीदवार के रूप में पांच बार विधायक रहे. लेकिन 2018 में टिकट कट जाने के कारण छटवीं बार निर्दलीय चुनाव लड़े और बुरी तरह से हार गए. इतना ही नहीं हार इतनी बुरी थी कि उनकी जमानत तक जब्त हो गई.

सुरेंद्र गोयल के भरोसे है कांग्रेस की कमान

वही 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुरेंद्र गोयल को टिकट देकर मैदान में उतारा है. इसके इतर कांग्रेस पार्टी की बात जाये तो यह कि पार्टी के अंदर भितरघात का खतरा अब भी मंडरा रहा है. क्योंकि 2008 में यहां से कांग्रेस से दिलीप चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा था. और जीत कर ससंदीय सचिव भी बनाए गए थे.

1998 में हारे दिलीप चौधरी 

दिलीप चौधरी ने जैतारण विधानसभा से साल 1998 में अपना पहला चुनाव लड़ा और हार का मुंह देखना पड़ा. उसके बाद टिकट कट जाने के कारण चौधरी ने पार्टी से बगावत का सिलसिला जारी रखा. साथ ही साल 2008 में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे और जीत का परचम लहराया.

वर्ष 2018 का दांव पेंच 

उसके बाद साल 2018 में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी दिलीप चौधरी को बना कर मैदान में उतारा. लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. वहीं बीजेपी प्रत्याशी अविनाश गहलोत ने जीत का परचम लहराया. लेकिन इस बार 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव मे दिलीप चौधरी ने हनुमान बेनीवाल और चंद्रशेखर आजाद के गठबंधन वाली पार्टी आजाद समाज पार्टी  (ASP) से मैदान में डटे हुए है. 

बीजेपी से अविनाश गहलोत, और योगी लक्षमण नाथ निर्दलीय 

जैतारण विधानसभा में 2018 में बीजेपी ने युवा चेहरे के रूप में अविनाश गहलोत को प्रत्याशी बना कर मैदान में उतारा था तो वहीं गहलोत ने जीत हासिल कर अपनी पहचान का लोहा मनवाया. एक बार फिर से बीजेपी ने अविनाश गहलोत के नाम पर मुहर लगाते हुए अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन इस बार अविनाश गहलोत के सामने चुनौती बन कर योगी लक्ष्मण नाथ आए है.

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