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राजस्थान में 'होम वोटिंग' की शुरुआत, 62 हज़ार से ज़्यादा मतदाता घर से ही डाल सकेंगे वोट

होम वोटिंग की पूरी प्रक्रिया में घर में ही एक बूथ तैयार किया जाता है. सबसे पहले मतदान के लिए खाली मतदान पेटी की वीडियो बना उस पर ताला लगाया जाता है. इसके बाद मतदाता को प्रक्रिया समझाई जाती है और फिर मतदाता बैलट पेपर में निशान लगाकर उसे लिफाफे में डाल मतदान पेटी में रखते हैं.

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राजस्थान में 'होम वोटिंग' की शुरुआत, 62 हज़ार से ज़्यादा मतदाता घर से ही डाल सकेंगे वोट
राजस्थान में होम वोटिंग के जरिए 81 साल के शंभूनाथ घर से मतदान करते हुए.

Rajasthan Election 2023: प्रदेश में आज से होम वोटिंग की शुरुआत हो गयी है. 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग जनों को होम वोटिंग की सुविधा दी गयी है. प्रदेश में 62 हजार 927 मतदाताओं ने घर से वोट देने का विकल्प चुना है. उदयपुर शहर विधानसभा में 520 लोगों ने होम वोटिंग का विकल्प चुना है. निर्वाचन विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की वोटिंग प्रक्रिया पूरी कर रही है. 

इस पहल से खासतौर पर दिव्यांगों और बुर्जुर्गों को फायदा हुआ है. उन्हें अब बूथ तक जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ रही. उदयपुर में राधेश्याम कुमावत, आशा साल्वी और शंभूनाथ पाल जैसे 500 से अधिक लोग इस पहल से घर बैठे वोट कर पा रहे हैं.

पैरालिसिस का शिकार 62 वर्षीय राधेश्याम कुमावत ने डाला वोट 

62 साल के राधेश्याम कुमावत 7 साल पहले पैरालिसिस के शिकार हो गए थे. पिछले साल उन्हें दूसरा अटैक आया था, इसके बाद चलना-फिरना मुश्किल हो गया. बिना किसी के सहारे घर में भी चलना मुश्किल है. वे बताते हैं कि उन्होंने हर चुनाव में वोट किया है. इस बार होम वोटिंग की सुविधा नहीं होती तो वोट कर पाना संभव नहीं होता. आयोग की पहल ने उन्हें न सिर्फ वोट करने का अवसर दिया बल्कि चेहरे पर मुस्कान भी बिखेरी.

होम वोटिंग करता मतदाता

होम वोटिंग करता मतदाता

41 वर्षीय आशा साल्वी दिव्यांग हैं. चलने फिरने में असमर्थ हैं. वे कहती हैं, ‘हर बार मुझे मेरा भाई उठा कर मतदान केंद्र तक ले जाता था, वहां गेट से अंदर तक मैं हाथों से चल कर जाती थी. बड़ी तकलीफ होती थी. अब घर से ही वोट करने की सुविधा मिल गई है तो बहुत खुशी हो रही है. किसी को परेशानी नहीं होगी. 

81 साल के शंभूनाथ पाल बने तीसरे वोटर 

81 साल के शंभूनाथ पाल बिस्तर पर ही अपना पूरा वक़्त बिताते हैं. उठना चाहें तो सहारे की जरूरत होती है, लेकिन विभाग की पहल की बदौलत वो बिना किसी के सहारे के वोट डाल पाए हैं. बीएलओ ओमप्रकाश ने उनसे 12डी फॉर्म भरवाया. शंभूनाथ पाल तीसरे वोटर हैं जिन्होंने अपने घर से वोट डाला है. 

घर को ही बना डाला मतदान केंद्र

इस पूरी प्रक्रिया में घर में ही एक बूथ तैयार किया जाता है. पूरी प्रक्रिया में करीब आधे घंटे का वक़्त लगता है. सबसे पहले मतदान के लिए खाली मतदान पेटी की वीडियो बना उस पर ताला लगाया जाता है. कार्ड बोर्ड के पीछे मतदाता पेटी रख कर मतदान टीम ने सारी कागजी कार्यवाही पूरी करती है . इसके बाद मतदाता को प्रक्रिया समझाई जाती है और फिर मतदाता बैलट पेपर में निशान लगाकर उसे लिफाफे में डाल मतदान पेटी में रखते हैं.

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