Kota News: राजस्थान के कोटा जिले में करीब 50 हजार हेक्टेयर भूमि को विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं से जोड़ने की मांग की गई. शनिवार को राज्य के ऊर्जा मंत्री ने जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से सांगोद, लाडपुरा और रामगंजमंडी क्षेत्र के गांवों की भूमि को सिंचाई परियोजनाओं से जोड़ने की मांग की है. ताकि भूमि पर शीघ्र सिंचाई सुविधा विकसित की जा सके.
जल संसाधन मंत्री और ऊर्जा मंत्री ने की बैठक
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी नहर बोर्ड के सभागार में इस संबंध में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. चर्चा के दौरान जल संसाधन मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कोटा जिले के गांवों को योजना में सम्मिलित करने के ऊर्जा मंत्री के सुझावों का अविलम्ब परीक्षण करें.
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कोटा जिले से पार्वती, परवन, कालीसिंध, चम्बल नदियां गुजरती हैं. इसके बावजूद जिले का लगभग 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र किसी सिंचाई परियोजना से जुड़ा हुआ नहीं है. उन्होंने आग्रह किया कि सांगोद क्षेत्र की कनवास तहसील की आवां, खजूरना, देवली मांझी, कुराड़ एवं खजूरी पंचायतों के 22 गांवों की 7300 हैक्टेयर असिंचित भूमि लाडपुरा क्षेत्र के 10 गांवों की 2500 हैक्टेयर भूमि को झालावाड़ जिले में कालीसिंध परियोजना के दूसरे चरण से जोड़ा जाए.
सिंचाई परियोजना को जल्द पूरा करने का आग्रह
ऊर्जा मंत्री ने बैठक के दौरान परवन बहुद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के काम को जल्द पूरा करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि परियोजना पर बीते करीब 6 साल से भी अधिक समय से काम चल रहा है. पहले इसे वर्ष 2022 में पूरा किए जाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक यह काम अधूरा है. उन्होंने निर्देश दिए कि बांध निर्माण के काम को अगले वर्ष तक पूरा करें ताकि उसमें मानसून से पूर्व जल भराव सुनिश्चित किया जा सके. ऊर्जा मंत्री ने नहरों के निर्माण के कार्यों को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए.