
Sawai Madhopur News: बार-बार बदलते मौसम और आंधी-बारिश की आशंका ने गंगापुर सिटी और वजीरपुर उपखंड सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों की चिंता बढ़ा दी है. लगातार हो रहे मौसम परिवर्तन से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. खेतों में गेहूं की कटाई जोरों पर है, लेकिन बदलते मौसम के कारण किसान फसल को सुरक्षित रखने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं.
क्षेत्र के किसान मुनेश मीणा और गजेन्द्र मीणा का कहना है कि कहीं बारिश उनकी मेहनत पर पानी न फेर दे, इस डर से किसान लगातार गेहूं की लावणी (कटाई) में जुटे हुए हैं. लेकिन महंगे मजदूरों और थ्रेशर मशीन से कटाई करवाने के बाद भी किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. मंडी में गेहूं के कम दामों के कारण प्रति बीघा केवल 5-6 हजार रुपये ही बच रहे हैं, जो उनकी लागत से काफी कम है.
एक बीघा जमीन की कटाई में 13-14 मजदूर लगते हैं
मंडी में नए गेहूं की कीमत 2400 से 2450 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जबकि सरकार ने अब तक समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की है. एक बीघा जमीन की कटाई में 13-14 मजदूर लगते हैं, जो एक से दो दिन में काम पूरा कर पाते हैं. इस समय पूरे क्षेत्र में गेहूं की कटाई जोरों पर होने के कारण मजदूर आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. मजदूर दो-दो दिन की तारीख दे रहे हैं, जिससे किसान मौसम की अनिश्चितता को लेकर और अधिक चिंतित हो गए हैं.

सरकार ने अब तक समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं की है
जितनी आमदनी उसके बराबर खर्च
मजदूरी दरों में भी भारी वृद्धि हुई है. जहां पहले मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपये थी, अब वह बढ़कर 500 रुपये तक पहुंच गई है. इसके अलावा, खेतों तक फसल लाने-ले जाने के लिए वाहनों का खर्च और मजदूरों की सुविधा के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाओं का खर्च भी बढ़ गया है. एक बीघा में 30-35 मण यानी 12-14 क्विंटल गेहूं मिलता है, जिसकी मौजूदा कीमत 28-32 हजार रुपये तक है. लेकिन फसल तैयार होने तक किसानों का खर्च 25 हजार रुपये तक पहुंच जाता है और कटाई में ही 6-7 हजार रुपये खर्च हो रहे हैं, जिससे किसान को बहुत कम मुनाफा हो रहा है.

पिछले 10 दिनों में अधिकतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है
मौसम असामान्य रूप से ठंडा हो गया है
सहायक कृषि अधिकारी पिंटू लाल मीणा के मुताबिक़ गंगापुर सिटी और वजीरपुर क्षेत्र में अब तक 30-35 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो चुकी है और अप्रैल तक पूरी फसल कटने की संभावना है. वहीं, मौसम के उतार-चढ़ाव ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है. पिछले 10 दिनों में अधिकतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जिससे मौसम असामान्य रूप से ठंडा हो गया है. हाल के दिनों में आसमान में बादल छाए रहने और बारिश की आशंका ने किसानों की चिंता को और गहरा कर दिया है.
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