Rajasthan News: देश में सड़क दुर्घटना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा के लिए एक कमेटी गठित की. साथ ही राज्य सरकार से उन राष्ट्रीय राजमार्गों को चिन्हित करने के लिए कहा है, जहां ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. परिवहन विभाग में बैठक के दौरान कमेटी के सचिव संजय मित्तल ने कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सड़क सुरक्षा से जुड़े अलग-अलग सेल और विभागों के लोग इस बैठक में शामिल थे.
2022 में हुई 23 हजार सड़क दुर्घटनाएं
राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के मामले में राजस्थान 9वें स्थान पर है. राजस्थान के पिछले 5 साल के आंकड़ों के हिसाब से राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाइवे) पर 32 हजार से अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं. साथ ही 50 हजार से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है. प्रदेश में 2022 में 23 हजार 614 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी. इससे पहले सड़क दुर्घटनाओं के मामले में राजस्थान देश में 7वें नंबर पर था.
'फुटपाथ के लिए लाए नई पॉलिसी'
संजय मित्तल ने सड़क सुरक्षा की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना भी की. साथ ही उन्होंने फुटपाथ के लिए नई पॉलिसी लाने पर भी जोर दिया. इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस के समुचित उपयोग और डेटा मैनेजमेंट के लिए लोगों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया. राज्य सड़क सुरक्षा सेल में खाली पदों पर भर्ती करने और प्रशासनिक और वित्तीय सहायता देने पर जोर दिया.
'2030 तक 50% कम करेंगे दुर्घटनाएं'
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और घायलों को मदद पहुंचाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. देश में रोड सेफ्टी एक्शन प्लान अपनाने वाला राजस्थान पहला राज्य बन चुका है. राज्य ने 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा है. पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई थी.
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