
Rajasthan News: राजस्थान के हाड़ौती संभाग में इस बार मानसून ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. जून से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. कोटा संभाग के कृषि विभाग के अनुसार 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. इतना ही नहीं बारिश की वजह से 1 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर बुवाई ही नहीं हो पाई.
सोयाबीन को सबसे ज्यादा नुकसान
हाडौती में 12 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य था जिसमें से 10 लाख 88 हजार हेक्टेयर में किसानों ने बुवाई की. सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन की फसल को हुआ. कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में 5.84 लाख हेक्टेयर में बोई गई सोयाबीन की फसल में 90 हजार हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई. मक्का की 1.64 लाख हेक्टेयर और उड़द की 95 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई लेकिन इन फसलों को भी नुकसान पहुंचा.
धान की ओर रुख कर रहे किसान
फसलों के नुकसान से परेशान किसान अब धान की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. अभी तक 2 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई और रोपाई हो चुकी है. कृषि विभाग का अनुमान है कि 25 हजार हेक्टेयर में धान का रकबा और बढ़ सकता है. किसान उम्मीद कर रहे हैं कि धान की फसल से कुछ हद तक नुकसान की भरपाई हो सकेगी.
जल्द सर्वे की मांग कर रहे किसान
बारिश से हुए नुकसान ने किसानों को चिंता में डाल दिया है. किसान संगठन और प्रभावित किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द फसल नुकसान का सर्वे करवाया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए. किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत और लागत दोनों डूब गई हैं.
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