
Rain In Rajasthan: राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जयपुर की सड़कें तालाब बन गई हैं. जलभराव से शहर की प्रमुख सड़कें जैसे जेएलएन मार्ग, सीकर रोड, अजमेर रोड और सहकार मार्ग पानी में डूब गई हैं.
इसके साथ ही मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार पूर्वी राजस्थान और उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश के ऊपर एक सक्रिय परिसंचरण तंत्र बना हुआ है. जिससे कई जिलों में अगले 48 घंटों तक भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने अगले 48 घंटों के लिए भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. 30 जुलाई को कोटा, अजमेर और जयपुर संभाग में अत्यंत भारी बारिश की संभावना है, जबकि भरतपुर, उदयपुर, बीकानेर और जोधपुर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. 31 जुलाई को भी अजमेर, जयपुर, बीकानेर और जोधपुर में भारी बारिश का अनुमान है. कोटा, उदयपुर और भरतपुर में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है.
राज्य में आगामी 48 घंटो के लिए भारी से अति भारी बारिश अलर्ट। अपडेट 30 जुलाई#HeavyRainfall pic.twitter.com/Ccb4tn2eLA
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) July 30, 2025
इसके साथ ही 1 अगस्त से दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन शेखावाटी और बीकानेर में भारी बारिश का खतरा बना रहेगा. 2 अगस्त से मौसम में सुधार होगा और ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी. अगले तीन घंटों में अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डीडवाना-कुचामन, जयपुर, सीकर और टोंक में भारी बारिश का अलर्ट है.
हादसों ने बढ़ाई चिंता
बारिश के कारण जयपुर में कई हादसे भी सामने आए हैं. बजाज नगर में करंट लगने से एक युवक की मौत हो गई, जबकि आमेर में दो लोग कार सहित बह गए, जिन्हें समय रहते बचा लिया गया. जलमहल और अन्य जल स्रोतों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा गहरा गया है.

जयपुर में भारी बारिश.
प्रशासन की तैयारियां निकली खोखली
मौसम विभाग ने जलभराव, यातायात बाधा और खेतों में पानी भरने की चेतावनी दी है. जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश हैं. सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ टीमें सक्रिय हैं, जो निचले इलाकों में मिट्टी के कट्टे पहुंचा रही हैं. हालांकि, जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया है.
नगर निगम के बाढ़ नियंत्रण कक्ष कागजों तक सीमित नजर आ रहे हैं. हर साल बारिश में यही समस्याएं सामने आती हैं, लेकिन प्रशासन का रवैया सुस्त बना हुआ है. आम लोग परेशान हैं और व्यवस्थाओं की कमी के कारण लाचार नजर आ रहे हैं.
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