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Rajasthan: मां से बिछड़ गया पैंथर शावक, 10 दिन से इंसान के बच्चे की तरह पाल रहा वन विभाग

राजस्थान के जोधपुर में वन विभाग की टीम ने 10 दिन पहले पैंथर के एक शावक को रेस्क्यू किया था. जिसके बाद उनको वन विभाग बिल्कुल बच्चे की तरह पाल रहा है.

Rajasthan: मां से बिछड़ गया पैंथर शावक, 10 दिन से इंसान के बच्चे की तरह पाल रहा वन विभाग
वन विभाग अधिकारी के साथ पैंथर शावक.

Rajasthan News: राजस्थान में एक तरफ तो पैंथर को हमलों से अफरा-तफरी मची हुई है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के जोधपुर जिले की वन विभाग की टीम पिछले 10 दिन से पैंथर के एक शावक को इंसान के बच्चे की तरह पाल रही है. इस शावक को माचिया जैविक उद्यान के रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है. जहां उसे उबला चिकन सूप, गाय और बकरी का दूध मिलाकर दिया जा रहा है. उधर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शावक का उसकी मां से मिलन होना महत्वपूर्ण है. लेकिन कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी उसकी मां नहीं मिल रही है. इसलिए अब शावक को जयपुर शिफ्ट किया जाएगा. 

गांव की पहाड़ियों पर मिला था शावक

जानकारी के अनुसार, पाली जिले में टिपरी गांव की पहाड़ियों में गत 29 नवंबर को दस दिन का पैंथर शावक दिखने पर स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी. जिसके बाद विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शावक को रेस्क्यू कर लिया था. चारों तरफ आबादी के बीच स्थित पहाड़ी पर शावक को उसकी पैंथर मां से मिलाने के लिए लगातार दो दिन तक वनकर्मी चारों तरफ घूमें, मगर शावक की मां कहीं नहीं दिखी. इसके बाद टीम 2 दिसंबर के दिन शावक को जोधपुर रेस्क्यू सेंटर ले आई.

जोधपुर से फिर गई वन विभगा की टीम 

पैंथर मां के आक्रामक होने की आशंका के चलते आला अधिकारियों के निर्देश पर वन्यजीव प्रभाग उड़नदस्ता टीम के वनकर्मी शूटर बंशीलाल सांखला, राजूसिंह अन्य साथियों के साथ 3 दिसंबर को फिर से बाली के टिपरी गांव पहुंचे. वनकर्मियों ने पहाड़ी की गुफाओं में और आस-पास के हरियाली वाले क्षेत्र और तालाबों के किनारे पैंथर मां का मूवमेंट होने के पगमार्क तलाश किए.

मगर कहीं कुछ भी नजर नहीं आया. लगातार दो दिन तक पथरीली पहाड़ियों और हरियाली वाले क्षेत्रों में घूमने के बाद वन विभाग की टीम शावक को लेकर गुरुवार को वापस जोधपुर आ गई.

शावक का हो रहा बच्चे की तरह पालन-पोषण

जोधपुर वन विभाग से सेवानिवृत हुए पशु चिकित्सक डॉ. श्रवण सिंह और जयपुर नाहरगढ़ जू में तैनात पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर से सलाह लेकर शावक को आहार दिया जा रहा है. उपवन संरक्षक वन्यजीव जोधपुर सरिता कुमारी का कहना है कि शावक का पैंथर मां से मिलन कराना जरूरी था, इसलिए हमने कई दिनों तक लगातार प्रयास किया.

शावक नहीं मिलने से पैंथर मां के आक्रामक होने की आशंका के चलते ही हमने टीम को जोधपुर से दोबारा उसी जगह भेजा. हमारे लिए पैंथर मां का मिलना बहुत जरूरी है. लेकिन काफी प्रयास करने के बाद पैंथर मां नहीं मिल रही तो शावक को वापस जोधपुर लाए हैं. अब उसके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही शावक को जल्द ही जयपुर भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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