
Rajasthan News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में आ गई है. सागवाड़ा में कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब यहां 5 कांग्रेस पार्षदों ने बुधवार (28 फरवरी) को टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी (Babulal Kharadi) की उपस्थिती में बीजेपी की सदस्यता ले ली. इसके अलावा 11 अन्य लोग भी बीजेपी में शामिल हो गए. कांग्रेस के 5 पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में आ गई है.
दरअसल, 35 सदस्यों वाली सागवाड़ा नगर पालिका में अब कांग्रेस के पास 17 सदस्य ही बचे हैं. जबकि बहुमत के लिए 18 पार्षदों का समर्थन चाहिए. पार्षदों के साथ सभी 16 लोगों को टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई.
चुनाव की तैयारी की बैठक में पहुंचे थे बाबूलाल खराड़ी
टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी बुधवार को बीजेपी के लोकसभा चुनावों की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में शामिल होने डूंगरपुर पहुंचे थे. सागवाड़ा में आयोजित बैठक के दौरान कांग्रेस के 5 पार्षदों के साथ 16 लोग बीजेपी में शामिल हो गए. मंत्री बाबूलाल खराड़ी के साथ ही विधायक शंकर डेचा, पूर्व विधायक अनिता कटारा समेत कई बीजेपी पदाधिकारी मौजूद रहे.
इन वार्ड पार्षदों ने ली बीजेपी की सदस्यता
सागवाड़ा नगर पालिका में कांग्रेस के वार्ड 21 से पार्षद आशीष कुलदीप गांधी, वार्ड 3 से पार्षद विमल कलासुआ, वार्ड 26 से पार्षद विशाल नाथूजी यादव, वार्ड 17 से पार्षद मीना सेवक, वार्ड 10 से पार्षद आशा प्रकाश खटीक के अलावा सागवाड़ा नगर कांग्रेस के महामंत्री प्रकाश नानूराम खटीक समेत 16 लोगो ने भाजपा की सदस्यता ली है. सभी ने एक सामूहिक पत्र बीजेपी जिलाध्यक्ष को देते सदस्यता मांगी. पत्र में लिखा है की भाजपा के नेतृत्व में देश का बहुमुखी विकास हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत संकल्प यात्रा, देश में सनातन संस्कृति की पुनः प्रतिष्ठा से अभिभूत होकर बीजेपी में शामिल हो रहे है. वहीं कांग्रेस की गुलामी मानसिकता से दुःखी होकर बीजेपी में जाने की बात लिखी है.
सागवाड़ा नगर पालिका में 22 पार्षदों के साथ अभी कांग्रेस के नरेंद्र खोड़निया अध्यक्ष है. लेकिन कांग्रेस के 5 पार्षदों के भाजपा में जाने के बाद कांग्रेस के पास बहुमत के आंकड़े से 1 पार्षद कम है. कांग्रेस के पास अब 17 पार्षद बचे हैं. जबकि भाजपा के 10 ओर 5 कांग्रेस के पार्षदों के भाजपा में आने के बाद संख्या 15 हो गई है. जबकि 3 पार्षद बीटीपी के है। कांग्रेस अध्यक्ष के पास अब बहुमत का आंकड़ा नहीं है. ऐसे में उनकी कुर्सी खतरे में आ सकती है.
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