Rajasthan News: केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. तहरीर में बताया कि वेलजी कलाल का 50 लाख रुपए का बीमा क्लेम प्राप्त हुआ है. किशनलाल ने दावा किया कि उसके पिता की मौत 11 अक्टूबर, 2018 को हादसे की वजह से हुई थी. पुलिस ने मामला दर्ज किया. डॉ. रवि उपाध्याय ने पोस्टमार्टम किया. पैन कार्ड और पेंशन रिकॉर्ड के अनुसार वेलजी की जन्मतिथि अलग-अलग थी. कंपनी ने वेलजी की मौत प्राकृतिक रूप से होना मानते हुए बीमा क्लेम पाने के लिए तथ्य छिपाने की शिकायत दर्ज कराई.
9 लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी
पुलिस ने षडयंत्र में शामिल एएसआई मणिलाल डामोर, कांस्टेबल कमलेश पटेल, मेडिकल ज्यूरिस्ट एवं पीएमओ डॉ. रवि उपाध्याय, वकील महेंद्र कुमार पटेल, हितेंद्र कुमार सहित एक दलाल खांदू कॉलोनी निवासी राजेश्वर सिंह पंवार को गिरफ्तार किया है. मृतक का बेटा किशनलाल परिवार सहित फरार हैं. इस मामले में 9 और लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती है.
93 साल की उम्र में वेलजी की हुई थी डेथ
एसपी हर्षवर्धन सिंह अग्रवाल ने बताया कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने सदर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जांच अधिकारी डिप्टी सूर्यवीर सिंह ने बताया कि वेलजी की जन्मतिथि 10 जनवरी, 1925 थी. 20 सितंबर 2018 को प्राकृतिक मौत हो गई. मृत्यु के समय वेलजी की उम्र 93 वर्ष थी. वेलजी साल 2003 से सरकार द्वारा स्वीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी प्राप्त की जा रही थी. किशनलाल ने साल 2015 में पिता की जन्मतिथि 1 जनवरी, 1956 दर्शाते हुए वेलजी कलाल की 50 लाख रुपए की बीमा पॉलिसी 14 मई, 2015 को करवाई.
पॉलिसी लेते समय वेलजी की उम्र और बीमारी को छिपाया
पॉलिसी लेते समय वेलजी की उम्र और बीमारी को छिपाया गया. 20 सितंबर, 2018 को वेलजी की प्राकृतिक मौत होने पर किशनलल ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर 11 अक्टूबर का पिता की हादसे में मौत बताकर बीमा क्लेम के लिए बेटे किशनलाल ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई.
ASI और कांस्टेबल ने बिना शव के ही पंचायतनाम बनाया
षड़यंत्र में शामिल हेड कांस्टेबल धुलजी और एएसआई मणिलाल ने बिना शव के पंचायतनामा बना दिया. मेडिकल ज्यूरिस्ट ने बिना शव पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की जांच अधिकारी को दी. जाली और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में चालान पेश किया. आशंका है कि आरोपियों से सुनियोजित प्लानिंग के तहत फर्जी तरीके से और भी बीमा क्लेम दावे किए होंगे. 50 लाख रुपए के बीमा क्लेम लेने के लिए साजिश रचने का यह दूसरा मामला है.
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