![अवैध खनन रोकने के लिए टोंक प्रशासन ने बनाया मास्टर प्लान, सैटेलाइट और ड्रोन से रखी जा रही नजर अवैध खनन रोकने के लिए टोंक प्रशासन ने बनाया मास्टर प्लान, सैटेलाइट और ड्रोन से रखी जा रही नजर](https://c.ndtvimg.com/2024-01/96ens5po_drones-monitoring_625x300_28_January_24.jpg?downsize=773:435)
Illegal Mining Tonkl: टोंक में लगातार जारी अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए वन विभाग ने ड्रोन (Dron) तैनात कर दिए हैं. दरअसल टोंक जिले में तमाम कोशिशों के बाद भी खनन माफियाओं पर लगाम करने में वन विभाग को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं विभाग के पास स्टाफ और संसाधनों की कमी भी थी.
दूसरी तरफ अवैध खनन माफियाओं का मजबूत नेटवर्क और वन विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत होने के कारण खनन माफियाओं पर पुरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा था. ऐसे में अब डिजिटल साक्ष्य के साथ माफियाओ पर लगाम लगाने के लिए ड्रोन कैमरो से वन विभाग अपने क्षेत्र में लगातार निगरानी रख रहा है. वन विभाग का यह नवाचार कितना सार्थक होता है यह तो वक़्त ही बताएगा लेकिन यह कदम सराहनीय है.
माफियाओं के खिलाफ साक्ष्य जुटाना शुरू
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3 D मैपिंग करने में सक्षम ड्रोन
टोंक में वन क्षेत्र बहुत बड़ा है. वहीं वन विभाग के पास संसाधन कम है. ऐसे में वन क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग ने ड्रोन कैमरा खरीद लिया है. जिसके माध्यम से हमारी टीम ने वन क्षेत्रों में जाकर अवैध खनन की वीडियोग्राफी करने, अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है. यह ड्रोन कैमरा 1 किलोमीटर तक रेंज की वीडियोग्राफी करता है. वह लगभग 30 मिनट तक एक बार मे उड़ान भर सकता है. ड्रोन कैमरे के माध्यम से लाइव मॉनीटीरिंग कर सकेगा. यह ड्रोन कैमरा आर्किटेक्ट मॉड्यूल पर तैयार किया हुआ है. इससे वन क्षेत्रों की 3 D मैपिंग भी हो सकेगी.
यहां होता है अवैध खनन
टोंक जिला अवैध पत्थरों के खनन की समस्या के चलते हमेशा सुर्खियों में रहा है. जिला मुख्यालय पर गड्ढा छिपोलाई, चतुर्भुज तालाब क्षेत्र, कच्चा बंधा क्षेत्र, बहिर क्षेत्र, गोल डूंगरी, अँधेराबाग क्षेत्रो के पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध खनन से पहाड़ो के खाइयां बन चुकी है. वही जिले में निवाई में रक्तांचल पर्वत, नोहटा, सिरस, सोहेला आदि में अवैध खनन परवान पर है. वही बीसलपुर वन क्षेत्र, देवली, उनियारा, मालपुरा, टोडारायसिंह आदि क्षेत्रों में अवैध खनन बड़ी समस्या है.
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अवैध खनन पर लगाम कसने में ड्रोन काफी मददगार है.
वन विभाग पर हमले करते हैं माफिया
अवैध खनन में खनन माफिया अवैध रूप से ब्लास्टिंग करके पहाड़ी क्षेत्रों धमाके करते है और पत्थरों को निर्माण कार्यो में बेचते है. वही अतीत में कई बार वन विभाग के गश्ती दलों पर हमले करने से भी नही चूकते है. इसके चलते वन विभाग के कर्मचारी भी गश्त करने में अकेले जाने से भी कतराते है.
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