Rajasthan News: राजस्थान में दो से अधिक संतानों वाले व्यक्तियों के चुनाव लड़ने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. पंचायत और निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्री ने नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव को प्रशासनिक अनुमति प्रदान कर दी है. अब अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा जाएगा. इसके बाद विधि विभाग से मंजूरी मिलने के बाद संशोधित प्रस्ताव को विधानसभा में रखा जाएगा.
विधानसभा में पास होने से बदलेगा नियम
दरअसल, नगर पालिका अधिनियम की धारा-24 में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति के दो से ज्यादा बच्चे हैं, तो उसे बोर्ड में सदस्य या अध्यक्ष बनने का हक नहीं है. इसी अधिनियम में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्ताव को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है. अब यह फाइल विधि विभाग के पास जाएगी. वहां से हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव को फिर से कैबिनेट के सामने रखा जाएगा और उसके बाद सीधा विधानसभा में पेश होगा. अगर विधानसभा ने हां कर दी, तो आने वाले निकाय चुनावों से पहले ही यह नियम बदल सकता है.
इससे पहले बीते नवंबर महीने में जानकारी सामने आई थी कि राज्य सरकार राजस्थान पंचायती राज अधिनियम और राजस्थान नगर निगम अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने अध्यादेश लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके जरिए दो से ज़्यादा बच्चों वाले उम्मीदवारों को पंचायत राज और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने वाले प्रतिबंध को हटाने की कोशिश की जाएगी.
चुनाव लड़ने पर क्या है बच्चों वाला नियम
बता दें कि वर्तमान नियम के अनुसार, दो से ज्यादा बच्चों वाले व्यक्ति को पंचायत और नगर निगम चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी. इसके तहत, अगर 27 नवंबर, 1995 के बाद तीसरा बच्चा पैदा होता है, तो वह इन चुनावों के लिए अयोग्य हो जाएगा. वर्तमान में, पंच, सरपंच, उपसरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, जिला प्रमुख, पार्षद, सभापति या महापौर जैसे पद इसी श्रेणी में आते हैं.
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