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This Article is From Mar 06, 2024

Rajasthan: नकल गैंग के तीनों माफिया सांचौर के, 2005 में जगदीश ने शुरुआत की, साथी भूपेंद्र व उदाराम ने भी नेटवर्क बनाया

राजस्थान में सबसे पहले 2005 में सांचौर के दाता निवासी जगदीश विश्नोई ने इस नकल गिरोह की शुरुआत की थी. उसके बाद इसी गैंग में पहले काम करने वाले 2 अन्य लोगों भूपेंद्र सारण, उदाराम जांगू ने अलग होकर अपना दूसरा गिरोह बना लिया.

Rajasthan: नकल गैंग के तीनों माफिया सांचौर के, 2005 में जगदीश ने शुरुआत की, साथी भूपेंद्र व उदाराम ने भी नेटवर्क बनाया
राजस्थान में पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड.

Rajasthan News: सरकारी भर्तियों में नकल को लेकर बदनाम पश्चिमी राजस्थान के सांचौर, जालोर, बाड़मेर व जोधपुर क्षेत्र में 3 गैंग का नेटवर्क लंबे समय से डमी अभ्यर्थी व पेपर लीक कर फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी दिलवाने का काम कर रहा है. तीनों गैंग के सरगना सांचौर के रहने वाले हैं. तीनों सरगनाओं ने सरकारी नौकरी हासिल करने के बाद भी मोटी रकम कमाने के लालच में पेपर लीक करने के कारनामें शुरू कर पूरे प्रदेश में नेटवर्क खड़ा कर दिया. 

कब हुई पेपर लीक की शुरुआत?

सबसे पहले 2005 में सांचौर के दाता निवासी जगदीश विश्नोई ने इस नकल गिरोह की शुरुआत की थी. उसके बाद इसी गैंग में पहले काम करने वाले 2 अन्य लोगों भूपेंद्र सारण, उदाराम जांगू ने अलग होकर अपना दूसरा गिरोह बनाकर कई भर्तियों में पेपर लीक कर परीक्षा से पहले लाखों रुपए लेकर पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाते रहे. भूपेंद्र सारण की गैंग सैकंड ग्रेड भर्ती 2022 व उदाराम जांगू की गैंग रीट भर्ती परीक्षा 2021 के बाद इनकी गैंग भी चर्चा में आ गई. इससे पहले भी इन तीनों नकल गिरोह ने कई भर्तियों के पेपर लीक करने के मामले में जेल जा चुके हैं.

तीनों माफिया का इन भर्तियों में नाम

रेलवे भर्ती, पुलिस भर्ती परीक्षा 2007, नर्सिंग भर्ती परीक्षा 2010, सैकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा 2012, रोडवेज परिचालक भर्ती 2012, राजस्थान पुलिस भर्ती 2014, जूनियर अकाउंटेंट भर्ती परीक्षा 2015, एसआई भर्ती 2016, बीएसटीसी पेपर 2018 कनिष्ट अभियंता 2020 समेत कई भर्तियों में इसकी गैंग नकल करवा चुकी.

1. जगदीश विश्नोई

दाता निवासी जगदीश ने अपने भाई भीखाराम के साथ मिलकर नकल गिरोह की शुरुआत की. इसने 2005 से का काम करना शुरू किया. पेशे से थर्ड ग्रेड शिक्षक था. नकल में पकड़े जाने के बाद निलंबित हुआ. अब तक 11 मामले दर्ज हैं. इसमें 5 बार जेल जा चुका. गिरोह में 100 से अधिक सदस्य सक्रिय हैं. डमी, ब्लूटूथ, पेपर लीक कर कार्य करता था. जगदीश खुद पेपर लीक करने का एक्सपर्ट है.

2. भूपेंद्र सारण

शुरुआत में जगदीश के साथ काम करने के बाद इसने भी करीब 12 वर्ष पहले अलग से नेटवर्क खड़ा किया. यह पेशे से रेलवे में सरकारी नौकरी में था जो निलंबित चल रहा है. वर्तमान में सैकंड ग्रेड भर्ती में जेल में है. दिसंबर 2022 में उदयपुर बस में नकल इसकी गैंग ही करवा रही थी. इसके गिरोह से भी बड़ी संख्या में पेपर माफिया जुड़े हुए हैं. सैकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में फरार चल रहा पेपर माफिया सुरेश ढाका भी इसी गैंग से जुड़ा रहा. सुरेश ढाका के साथ इसने पिछली कुछ भर्तियों में पेपर लीक किए थे. इसका सबसे पहले जीएनएम 2011 में नाम आया था. उसके बाद इसने रेलवे भर्तियां, कांस्टेबल भर्ती 2022, सैकंड ग्रेड 2022 में भी खुद की गैंग चलाते हुई नकल करवाई.

3. उदाराम जांगू

रणोदर निवासी उदाराम करीब 10 वर्ष पहले नकल गिरोह से जुड़ गया. व्याख्याता की नौकरी लगने के बाद भी पेपर लीक से जुड़ा रहा व खुद ने अलग से नेटवर्क खड़ा कर दिया. रीट भर्ती में पकड़े जाने के बाद सरकार ने बर्खास्त किया है. जगदीश के साथ काम कर उसके बाद अलग से नेटवर्क खड़ा कर दिया. अब तक खुद 4 बार जेल जा चुका है. रीट भर्ती 2011 में पेपर लीक कर चर्चा में आया. इसकी गैंग में भी बड़ी संख्या में सदस्य जुड़े हुए थे जो उस समय जेल गए. इन भर्तियों में नाम आ चुका उदाराम का 4 बार जेल जा चुका है. इसका नाम राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा 2015, रीट भर्ती परीक्षा 2017, रीट भर्ती परीक्षा 2021 व ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा प्रारम्भिक 2021 में नाम आया था.

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