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Rajasthan: बारां से शुरू होगा ‘खेलो, सीखो, बढ़ो राजस्थान’ अभियान, 8 हजार बच्चों को मिलेगा फायदा

Baran News: इस परियोजना के लिए त्रिपक्षीय समझौता (MoU) किया गया है. आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत बारां जिले में परियोजना लागू होगी.

Rajasthan: बारां से शुरू होगा ‘खेलो, सीखो, बढ़ो राजस्थान’ अभियान, 8 हजार बच्चों को मिलेगा फायदा

Rajasthan School Education Programme: राजस्थान में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को सशक्त करने के उद्देश्य से 3 साल की प्रमुख पहल ‘खेलो, सीखो, बढ़ो' की शुरुआत हुई. इस संबंध में राजस्थान सरकार, आईएमसी इंडिया और सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट ने समझौता किया. आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत बारां जिले में परियोजना लागू होगी. लगभग 8 हजार बच्चों और 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभान्वित होंगी. इसके तहत एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाएगा, जो बच्चों की नींव मजबूत करने के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य (WASH) के बेहतर मानक स्थापित करेगा. साल 2025 से लागू होने वाली यह पहल किशनगंज और अत्रू ब्लॉकों के लगभग 8,000 बच्चों और 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभान्वित करेगी.

स्थानीय भाषाओं में तैयार होंगे शैक्षणिक वीडियो

आईसीडीएस के निदेशक वासुदेव मलावत ने कहा कि यह समझौता राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस साझेदारी से आंगनबाड़ी केंद्रों को आनंददायक, समावेशी और खेल आधारित शिक्षण मॉडल में परिवर्तित किया जाएगा. सेसमी वर्कशॉप इंडिया ट्रस्ट इस कार्यक्रम का ज्ञान और कार्यान्वयन साझेदार होगा. संस्था की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण-सामग्री (टीएलएम), पज़ल, फ्लैश कार्ड, किताबें और गतिविधि पत्रक तैयार किए जाएंगे. इनमें क्यूआर कोड के माध्यम से हिंदी और स्थानीय भाषाओं में शैक्षणिक वीडियो भी उपलब्ध होंगे.

सेसमी वर्कशॉप इंडिया की प्रबंध निदेशक सोनाली खान ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को ‘स्मार्ट, स्ट्रॉन्ग और काइंड' बनाने का अवसर देना है. यह पहल एनईपी 2020 और एनसीएफ 2022 के अनुरूप है, जो खेल और अनुभवात्मक शिक्षा को प्राथमिकता देती है.

सामुदायिक भागीदारी के लिए अभिभावकों की अहम भूमिका

इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार, निजी क्षेत्र और सामाजिक संगठनों की संयुक्त शक्ति से प्रारंभिक बाल शिक्षा में एक परिवर्तनकारी मॉडल तैयार किया जा रहा है, जो भविष्य में राजस्थान सहित देश के अन्य आकांक्षी जिलों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बनेगा.

कार्यक्रम में पीयर लीडरशिप मॉडल के तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक के रूप में जोड़ा जाएगा. साथ ही, बच्चों की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल में सुधार के लिए बेसलाइन और एंडलाइन मूल्यांकन किए जाएंगे.

आईएमसी इंडिया अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत तीन वर्षों तक इस परियोजना का वित्तीय सहयोग करेगी. कैरोलीना ब्रोज़ोव्स्का, चैरिटी मैनेजर (आईएमसी इंडिया) ने कहा कि हम मानते हैं कि प्रारंभिक वर्षों में किया गया निवेश पूरे समाज के लिए सबसे स्थायी प्रभाव छोड़ता है. खेलो, सीखो, बढ़ो, राजस्थान' में पीयर लीडरशिप मॉडल भी शामिल है. इसके तहत आईसीडीएस पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन के लिए तैयार किया जाएगा. साथ ही, सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए माता-पिता और अभिभावकों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाएगी.

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